-केजीएमयू के डॉ विनोद जैन और डॉ सूर्यकांत से बातचीत
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। भाई-बहन के प्यार का प्यारा सा त्यौहार रक्षाबंधन 3 अगस्त को मनाया जायेगा। अन्य त्यौहारों की तरह रक्षाबंधन भी कोरोना काल में मनाया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए तमाम एहतियात बरतने के बीच इस त्यौहार में किन-किन बातों का ध्यान रखें, इसके लिए सेहत टाइम्स ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के विशेषज्ञों सर्जरी विभाग के प्रोफेसर व पैरामेडिकल संकाय के डीन डॉ विनोद जैन तथा रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष से वार्ता की।
इस बार घर जाकर नहीं, वर्चुअली मनायें रक्षाबंधन
दोनों चिकित्सकों से वार्ता में यह सलाह सामने आयी कि इस बार का रक्षा बंधन वर्चुअली रूप में मनाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि शहर से बाहर रहने वाली बहनों के साथ ही जो भाई-बहन एक ही शहर में रहते हैं, उन्हें भी वीडियो या फोन के माध्यम से खुशी का इजहार करते हुए वर्चुअली रूप से यह त्यौहार मनाना चाहिये, घर से बाहर निकलने में परहेज करें, क्योंकि शहर में इतने कंटेन्मेंट जोन बने हुए हैं कि उनमें से होकर जाना पड़ेगा जो कि उचित नहीं है।
ऑनलाइन राखी भेजने से बचें
दोनों ही चिकित्सकों का यह मानना है कि शहरों से बाहर ऑनलाइन राखी भेजने से बचें, क्योंकि वह राखी कई हाथों से गुजरने के बाद आपतक पहुंच रही है, इनमें कोई भी अगर संक्रमित हुआ तो संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
खुली हुई राखियां न खरीदें, पैक्ड राखी में रखें यह ध्यान
चिकित्सकों ने कहा कि कोशिश करें कि राखी ऐसी खरीदें जो खुली हुई न हो, पैक्ड हो क्योंकि खुली हुई राखियां अनेक हाथों से गुजरती हैं तो ऐसे में अगर ये संक्रमित व्यक्ति के हाथों से गुजरी है तो संक्रमण की संभावना पूरी है, इसके विपरीत अगर राखी पैक की हुई है और उसकी पैकिंग अगर कम से कम एक हफ्ते पहले हुई है तो उसमें वायरस के जिंदा होने की संभावना नहीं है। हां इतना जरूर ध्यान रखना होगा कि पैकिंग के ऊपर संक्रमण से बचने के लिए पैकिंग को सैनिटाइज करने के बाद ही इस्तेमाल करें। दोनों चिकित्सकों ने कहा कि बेहतर होगा कि रक्षाबंधन से पहले ही राखी लाकर अलग रख दें।
घर में रहने वाले भाई-बहन रखें ध्यान
चिकित्सकों ने कहा कि जिन घरों में भाई-बहन एक ही घर में रहते हैं उन्हें राखी बांधने में हर्ज नहीं है, बशर्ते वे राखी पर होने वाले संक्रमण का ध्यान रखें, जैसे अगर राखी पहले से घर में रखी हुई है तो अलग बात है अन्यथा घर में रखे कोई भी रेशमी धागे को रक्षा सूत्र बांधने के लिए उपयोग में ले सकते हैं।
भावनाओं के त्यौहार में भय को स्थान न दें : डॉ विनोद जैन
डॉ विनोद जैन ने कहा कि बाहर की बनी मिठाई से परहेज करें, घर में ही मीठे पकवान बनाकर खायें और खिलायें। रक्षा बंधन भावना का त्यौहार है, इसे इस तरह मनायें जिससे बहन-भाई के बीच सुरक्षा के भाव रहें न कि भय के भाव उत्पन्न हो।
कोरोना से भी रक्षा का संकल्प लें भाई : डॉ सूर्यकांत
डॉ सूर्यकांत ने कहा कि त्योहार मनाते समय भाई यह संकल्प लें कि मुझे बहन की अन्य चीजों के साथ ही कोरोना से भी रक्षा करनी है, सिर्फ बहन की ही नहीं समाज की भी कोरोना से रक्षा करनी है। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन उत्साह के साथ मनायें, बाहर की मिठाई न लायें, इसी बहाने नयी पीढ़ी को पकवान बनाना सिखायें। उन्होंने कहा कि जो भाई-बहन बुजुर्ग या बीमार की श्रेणी में हैं, तथा जो बहनें गर्भवती हैं तो ऐसे लोग अपना विशेष खयाल रखें।
चिकित्सकों ने कहा कि इस कोरोना काल में सभी त्यौहार सावधानी के साथ मनाये जा रहे हैं, तो रक्षा बंधन भी सावधानी से ही मनायें, आगे फिर जब सब कुछ सामान्य हो जायेगा तो पहले की तरह ही त्यौहार मनाये जायेंगे, इसलिए अभी जो परिस्थितियां हैं, उन्हें देखते हुए त्यौहार मनाइये लेकिन पूरे उत्साह के साथ मनाइये।