इस साल पूरे प्रदेश में अब तक 5724 मामले सामने आये
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 5 जनपदों में डेंगू का सर्वाधिक असर है। इसमें पहला नम्बर लखनऊ का है तथा पांचवा नंबर वाराणसी का है। यह जानकारी एक पत्रकार वार्ता में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2016 में डेंगू के लगभग 15000 मामले पाये गए थे तथा डेंगू से कुल 42 मौतें हुई थीं वर्तमान वर्ष 2019 में डेंगू के रोगियों की संख्या डेंगू रोग की 3 वर्षीय चक्रीय प्रवृत्ति के दृष्टिगत 2016 के समान अपेक्षित थी इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए गए थे और इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि वर्ष 2016 की अपेक्षा 2019 में डेंगू के मामले कम हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिन 5 जिलों में डेंगू का ज्यादा असर है उनमें लखनऊ में 1467, कानपुर नगर में 1169, प्रयागराज में 234, सहारनपुर में 216 एवं वाराणसी में 178 के डेंगू के केस मिले हैं। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश की अगर बात करें तो इस वर्ष 1 नवंबर तक 5724 केस पाए गए हैं तथा 9 लोगों की मृत्यु की रिपोर्ट प्राप्त हुई है जो कि वर्ष 2016 की तुलना में काफी कम है।
जय प्रताप ने बताया डेंगू की रोकथाम के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे हैं इसमें मुख्यतः प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर मच्छर जनित परियों को समाप्त करना, एंटी लार्वा स्प्रे एवं फॉगिंग का कार्य शामिल है, इसके अलावा डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है, उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में कुल 9,37,252 घरों का भ्रमण किया गया इनमें कुल 10,88,032 कंटेनर की जांच की गई। मच्छर पाए जाने पर कुल 6128 लोगों को नोटिस जारी की गई है।
उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है तथा रक्त में प्लेटलेट की कमी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है क्योंकि अन्य वायरल बुखार में भी प्लेटलेट रेट में कमी आती है इसलिए इसको लेकर घबराए नहीं। उन्होंने कहा कि बुखार होने पर तुरंत अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर उपचार कराएं तथा बुखार की अवस्था में तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें एवं मच्छरदानी का प्रयोग करते हुए आराम करें।
उन्होंने कहा की डेंगू से निपटने की तैयारियों में तीन विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान बीते फरवरी, जुलाई एवं सितंबर माह में व्यापक रूप से चलाए गए थे। इसके अलावा सभी जनपद स्थित चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मच्छरदानी युक्त डेंगू वार्ड चिन्हित किए गए हैं। सभी चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो डेंगू वायरस से होती है इस रोग को फैलाने वाला मच्छर एडिज एजिप्टाई घरों के आसपास रुके हुए साफ पानी में पनपता है, इस लिए डेंगू रोग से बचाव के लिए अपने घर एवं घर के आस-पास, कूलर, फ्रिज के नीचे की ट्रे, पानी की टंकी, खुले में रखे गमले के नीचे की प्लेट एवं चिड़ियों के पानी पीने वाले बर्तन में पानी एकत्रित न होने दें। यदि ऐसी जगह पानी मिलता है वहां से पानी तुरंत हटा दें। उन्होंने सभी संस्थाओं के प्रमुखों से भी अपील की कि वे अपने संस्थान के परिसर में साफ-सफाई रखें जलभराव न होने दें तथा कूलर इत्यादि से पानी को सप्ताहिक रूप से हटाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।