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राजभवन में हुआ 5100 कन्याओं का पूजन, केएसएसएससीआई ने लगायी एचपीवी वैक्सीन

-प्रेरणा शक्ति संस्था के नारी वंदन, कन्या पूजन कार्यक्रम का उद्घाटन किया राज्यपाल ने

-निदेशक प्रो एमएलबी भट्ट ने दी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर को पहचानने की जानकारी

सेहत टाइम्स

लखनऊ। कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान ने राजभवन में नवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रेरणा संस्था द्वारा आयोजित नारी शक्ति वंदन एवं 5100 कन्याओं का पूजन कार्यक्रम में नि:शुल्क एच.पी.वी. टीकाकरण एवं बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा किया गया। इस दौरान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एमएलबी भट्ट द्वारा बच्चों में होने वाले कैंसर के बारे में अवगत कराया गया एवं बच्चों को वैक्सीन लगवाने के प्रति प्रोत्साहन दिया गया।

निदेशक ने जानकारी दी कि एच.पी.वी. वैक्सीन बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (जिसको अंग्रेजी में सर्वाइकल कैंसर कहते हैं) से बचाव करती है। इस वैक्सीन का उत्पादन स्वदेशी संस्था सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के द्वारा की जा रही है और इसकी लागत लगभग ₹1200 है। पहले यह वैक्सीन देश के बाहर से आयात होती थी और इसकी लागत ₹3000 से ₹8000 तक होती थी।

जनजागरूकता कार्यक्रम में वैक्सीन देने के साथ-साथ बच्चों का वजन, लंबाई एवं स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया गया। इस मौके पर संस्थान के गायनी विभाग अध्यक्ष के साथ सी.एम.एस., एम.एस., एफ.ओ. एवं संकाय सदस्य उपस्थित थे। इस आयोजन में आए सभी लोगों को प्रदर्शनी एवं बातचीत के माध्यम से बच्चों में होने वाले कैंसर एवं उनके सरल लक्षणों को पहचानने की जानकारी दी गई।

इन लक्षणों में जैसे लंबे समय तक बुखार आना, गिल्टी का बढ़ना, वजन कम होना, बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ना, उल्टी, सिरदर्द, आंखों में तारा चमकना, पेट की गांठ या हड्डी में गांठ महसूस होना। उन्होंने बताया कि जल्द पहचान एवं संस्थान में उपलब्ध आधुनिक चिकित्सा तकनीक की मदद से बच्चों के कैंसर के सफल इलाज की दर कई गुना बढ़ गई है ।

हमारे देश में बच्चों के कैंसर के इलाज की सफलता दर 30% से 40% है । भारत में टाटा मेमोरियल संस्थान में यह दर 70% से 80% है। वैश्विक स्तर पर यही दर 80% से 90% है। कल्याण सिंह संस्थान में देखा गया है कि यह दर लगभग 70% तक है। जागरूकता के प्रति प्रयासों से यह दर और भी बढ़ाई जा सकती है।

वर्तमान में यह सफलता दर लगभग 70 से 80% तक हो गई है जिससे बच्चे को आगे चलकर सामान्य जीवन व्यापन की संभावना बढ़ गई है।

कैंसर के सफल इलाज के साथ-साथ संस्थान का यह भी लक्ष्य है की कैंसर की रोकथाम,बचाव तथा कैंसर के पहचान के लिए प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी जनमानस तक पहुंचाई जाए। इससे शुरुआती दौर में ही जांच/इलाज करके रोग का निदान किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए निदेशक ने राज्यपाल एवं प्रेरणा संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया।

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