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बदलते मौसम में अस्थमा रोगी सुबह-शाम लें गर्म पानी से भाप

प्रो सूर्यकान्त

लखनऊ। आजकल मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है, सुबह और शाम गुलाबी ठंड और दोपहर में गर्मी जैसा मौसम, इस बदलते मौसम के चलते सर्वाधिक दिक्कत होती है अस्थमा के मरीजों को। वहीं अन्य व्यक्तियों को भी इन दिनों आंखों में खुजली, नाक बंद हो जाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बदलते मौसम में स्वस्थ बने रहने के लिए हमें क्या करना चाहिये, इस बारे में ‘सेहत टाइम्स’ ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकांत से बात की।
सांस की नलियों में हो जाती है सूजन
प्रो सूर्यकांत ने बताया कि आजकल तापमान में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है सुबह-शाम ठंड और दोपहर में अपेक्षाकृत काफी गरमी के कारण अस्थमा के मरीजों को दिक्कत शुरू हो जाती है। अस्थमा के रोगियों को दिक्कत यह है कि सुबह और देर रात तो वह ठंडी सांस लेते हैं, दोपहर में गरम सांस लेते हैं इसका नतीजा यह होता है कि परिवर्तित तापमान की हवा जब उनकी सांस की नलियों में पहुंचती है इससे सांस की नलियों में सूजन आ जाती है जिससे सांस की नली सिकुडऩे लगती है जिससे अस्थमा के रोगियों को सांस का दौरा पडऩे का डर रहता है। इसलिए अस्थमा के रोगियों को चाहिये कि वे अपने चिकित्सक से सम्पर्क करके एक बार अपनी जांच जरूर करवा लें।
पराग कणों से नाक हो जाती है बंद
प्रो सूर्यकांत ने बताया कि आजकल के मौसम में एक और दिक्कत है वह यह है कि वसंत ऋतु के चलते वातावरण में फूलों से निकलने वाले पराग कण पॉलेन ग्रेन्स फैले रहते हैं। उन्होंने बताया कि ये कण बहुत सूक्ष्म होते हैं और इनकी विशेषता यह है कि ये हवा में लगभग २०० किलोमीटर दूर तक चले जाते हैं। ये भी अस्थमा के रोगियों को दिक्कत पैदा करते हैं। ये कण न सिर्फ अस्थमा के रोगियों को बल्कि दूसरे व्यक्तियों को भी दिक्कत पैदा करते हैं, यह दिक्कत आंखों में खुजली के रूप में होती है, नाक बंद होने के रूप में होती है। छींकें आने लगती हैं, नाक से पानी आने लगता है। उन्होंने कहा कि आपने अक्सर सुना होगा कि आजकल लोग कहते हैं कि अचानक  उनकी आंखों में खुजली होने लगी या फिर नाक बंद होने लगी।
वायरस के अटैक का खतरा
प्रो सूर्यकांत ने बताया कि आजकल के मौसम में एक और दिक्कत है वह यह है कि वायरस की सक्रियता अभी समाप्त नहीं हुई है। इसके लिए सलाह यह है कि बच्चों, बुजुर्गों, डायबिटिक, दिल के रोगी, गुर्दे के रोगी जैसी कोई भी क्रॉनिक बीमारी से पीडि़त लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
प्रो सूर्यकांत ने बताया कि थोड़ा सा ध्यान रखकर हम इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तापमान परिवर्तन से सांस की नलियों में सूजन की समस्या हो, पराग के कणों के दुष्प्रभाव की समस्या हो या वायरस की समस्या हो, तीनों समस्याओं से बचने का एक आसान और घरेलू उपाय यह है कि सुबह-शाम गरम पानी कर के उसकी भाप ले लें। उन्होंने सलाह दी यह भाप अस्थमा के रोगियों को तो जरूर लेनी चाहिये, बाकी दूसरे लोग भी लेंगे तो आराम रहेगा।

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