Wednesday , October 11 2023

थोक दवा लाइसेंस में भी होगी विशेषज्ञ फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता

अब थोक दवा व्यापार के लाइसेंस हेतु भी पंजीकृत फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता होगी । इस संबंध में भारत सरकार ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की सम्बंधित धारा 64 (2)  में संसोधन का प्रस्ताव स्वीकार किया है । इस संबंध में प्रभावित लोगो से आपत्ति आमंत्रित की गयी हैं ।
उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल, राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ , डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सहित अनेक संघो ने इसका स्वागत किया है ।
राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने भारत सरकार को एक पत्र भेजकर जनहित के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है, साथ ही यह भी सुझाव दिया है कि फार्मा क्षेत्र में जहाँ भी औषधियां हैं वहां फार्मासिस्ट की अनिवार्यता होनी चाहिये , वर्तमान में चल रही दुकानों पर भी नवीनीकरण के समय फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता का  सुझाव दिया गया है ।
ज्ञातव्य है कि फार्मासिस्ट की व्यापक शिक्षा भारत में चल रही है । डिप्लोमा फार्मेसी के साथ बेचलर, मास्टर डिग्री, पी एच डी, डॉक्टर ऑफ़ फार्मेसी के लगभग 15000 छात्र प्रतिवर्ष पंजीकृत होकर फार्मेसिस्ट बन रहे हैं, उक्त निर्णय से इनकी उपयोगिता बढ़ेगी और औषधियों की गुणवत्ता सही रहेगी ।
श्री सुनील यादव के अनुसार औषधियों का भण्डारण अत्यंत तकनिकी प्रक्रिया है, अगर औषधियों का भंडारण सही ने नहीं हुआ तो उसकी क्षमता कम हो सकती है , कुछ औषधियां तो गलत भंडारण से ख़राब होकर नुकसान भी पहुंचा सकती है । फार्मेसिस्ट को औषधि के सम्बन्ध में केमिस्ट्री, फार्मास्यूटिक्स, स्टोर प्रबंधन आदि का विस्तृत ज्ञान प्राप्त कर फार्मासिस्ट समाज में आ रहे है, वर्तमान में 70000 फार्मासिस्ट उत्तर प्रदेश में और भारत में लगभग 12 लाख फार्मासिस्ट पंजीकृत हैं, इसलिये यह व्यवसाय अब पूरी तरह प्रशिक्षित हाथों में जाना जनहित में अनिवार्य हो गया है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.