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लखनऊ। बढ़ते औद्योगिकीकरण के बीच पश्चिमी खानपान की नकल के चलते अब यहां कम उम्र के लोगों में भी कोलन कैंसर यानी आंतों का कैंसर पाया जाने लगा है। इसलिए लोगों के लिए यह सलाह है कि वह अपना खानपान और जीवनशैली पर ध्यान दें। रेड मीट आदि खाने के चलते मांसाहारी की अपेक्षा शाकाहारी व्यक्तियों को इसका खतरा कम होता है, उन्होंने रिफाइन्ड खाने से भी परहेज करने को कहा।
सब्जियां, रेशेदार चीजें व व्यायाम बचायेगा कैंसर से
आंतों के कैंसर के बारे में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रो सर्जन डॉ अभिजीत चंद्रा बताते हैं कि औद्योगिकीकरण और शहरीकरण बढ़ रहा है, डाइट रिफाइन हो रही है, जो कि आंतों में कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रहा है। उन्होंने बताया कि शराब और सिगरेट का सेवन भी आंतों में कैंसर का कारण है। जबकि दूसरी ओर सब्जियां, रेशेदार चीजें के सेवन से आंतों के कैंसर से बचा जा सकता है। सोयाबीन ऑयल, फिश ऑयल, कोकोनट ऑयल का प्रयोग भी इससे बचाव में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि व्यायाम करना भी इस कैंसर से बचाव में सहायक है। प्रो चन्द्रा बताते हैं कि कोशिश यह होनी चाहिये कि मोशन रोज हो, अन्यथा कब्ज की स्थिति बढ़ जाने से दिक्कत पैदा होती है।
आंतों के कैंसर के लक्षण
पेट के कैंसर का शुरुआती दिनों में लक्षण सही रूप में समझ नहीं आता है। इसमें ऐसे विकार नजर आते हैं जिसको सामान्य रूप से लोग अनदेखा कर देते हैं क्योंकि पेट के कैंसर में व्यक्ति को साधारण पेट की बीमारी जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि लापरवाही न करते हुए चिकित्सक से जरूर सम्पर्क कर अपना पूरा हाल बताना चाहिये। साधारणतय: इसके लक्षणों में काले रंग का मल निकलना, पाचन सही तरीके से न होना, खाना खाने के बाद उल्टी होना, बार-बार जी घबराना, कई बार मल के साथ खून आना, दस्त लगना जैसी समस्या होना है। इसके अतिरिक्त पेट दर्द बने रहना, तेजी से वजन गिरना, कमजोरी व जल्दी थकान महसूस होना जैसे लक्षण लगे तो चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिये।
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