Thursday , October 12 2023

हम एचआईवी पॉजिटिव हैं तो क्‍या, मेरा बच्‍चा है एचआईवी मुक्‍त…

-एचआईवी संक्रमित जोड़ों के चेहरों पर था खुशी मिश्रित संतोष का भाव
-गर्भावस्‍था के दौरान उचित देखभाल से शिशु को नहीं हुआ एचआईवी संक्रमण
-विश्‍व एड्स सप्‍ताह के तहत केजीएमयू स्थित एआरटी सेंटर में आयोजित हुआ कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय स्थित एआरटी सेंटर में आज अनेक जोड़े अपने बच्‍चों के साथ पहुंचे, एचआईवी से ग्रस्‍त ये वे माता-पिता थे, जिन्‍हें कभी पल-पल डर सताता था कि क्‍या उन्‍हें माता-पिता बनने की खुशी हासिल होगी, और अगर होगी भी तो क्‍या उनके बच्‍चे एचआईवी निगेटिव पैदा होंगे और एक स्‍वस्‍थ नागरिक होकर समाज में जियेंगे, फैमिली कैसे सरवाइव करेगी ? चिकित्‍सकों द्वारा दियेे गये हौसले ने उन्‍हें हिम्‍मत दी और उनकी आशंकायें आशाओं में बदल कर हकीकत बन गयींं, आज उन जोड़ों की दुनिया औलाद की खुशियों से आबाद है। उनके चेहरे के भाव ऐसे थे मानो कह रहे हों कि हम एचआईवी पॉजिटिव हैं तो क्‍या हमें यह संतुष्टि है कि हमारे बच्‍चे इस संक्रमण से मुक्‍त हैं।

ज्ञात हो ऐसा मुमकिन हो चुका है कि एचआईवी से ग्रस्‍त माता-पिता की गर्भ में पल रही संतान को डॉक्‍टरों की देखरेख में उनके द्वारा बतायी गयी दवाओं को गर्भावस्‍था के दौरान खाकर होने वाले बच्‍चे को एचआईवी से मुक्‍त रखा जा सकता है जिससे नौ माह बाद एक स्‍वस्‍थ एचआईवी मुक्‍त बच्‍चा पैदा होता है। छह माह से लेकर तीन साल तक की उम्र के ऐसे ही 30 बच्‍चे आज के कार्यक्रम में मौजूद थे।

नोडल अधिकारी डॉ डी हिमांशु ने बताया कि‍ विश्व एड्स डे के अवसर पर ऐ आर टी प्लस सेंटर के द्वारा एड्स अवेयरनेस वीक का आयोजन किया जा रहा है इस श्रृंखला के अंतर्गत आज प्रातः 11 बजे मेडिसन ओपीडी स्थित एआरटी प्लस सेंटर में एक कार्यक्रम “”चिल्ड्रन ऑफ होप”” का आयोजन किया गया। यही नहीं इनमें आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के बच्‍चों की शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर भी एआरटी सेंटर पर मदद दी जायेगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कुलपति प्रो एम एल बी भट्ट ने कहा कि माता पिता एवम डॉक्टरों के प्रयासों से इन बच्चों को एच आई वी के संक्रमण से बचाया गया है। ये बच्चे भी राष्ट्र की निधि‍ हैं। उन्होंने कहा कि इससे समाज मे यह संदेश जाता है कि पॉज़िटिव मरीज भी सामान्य लोगों की तरह खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो अरविंद मिश्र ने कहा कि अगर सभी मिलकर प्रयास करें तो कार्य मे सफलता अवश्य मिलती है। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डॉ डी हिमांशु ने कहा कि हमारा अगला कदम होगा इन बच्चों को जो कि सामान्य जीवन जी रहे हैं, इनकी शिक्षा, और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हम लोग इनको सपोर्ट करेंगे। इसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। अब चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा।

इस अवसर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एसएन संखवार ने सेंटर को आश्वस्त किया कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से जो भी सहयोग होगा किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ केके सावलानी ने कहा कि पॉज़िटिव कपल आज इस बात से संतुष्ट हैं कि उनके होने वाले बच्चों को संक्रमण नहीं होगा। इस अवसर पर कुलपति ने सभी बच्चों को उपहार देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर सिग्नेचर कैम्पैन भी चलाया गया जिसमें आम और खास सभी ने अपने विचार व्यक्त किये। इसके बाद न्यूट्रीशन के बच्चों ने एड्स जागरूकता पर नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में डॉ एस सी चौधरी, डॉ नीतू गुप्ता, डॉ सौरभ पालीवाल, डॉ पंकज, डॉ भास्कर, कपिल महेंद्रू, नीता, मंजू मेहराव, राशि‍, संदीप, सीमा, जैनेन्द्र, संतोष एवम डॉ सुमन शुक्ला उपस्थित थे। इनके अतिरिक्‍त कार्यक्रम में नेशनल क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन के डॉ ऑर्थर कोकर और हेल्पिंग हेंड वेलफेयर सोसायटी के मोहित सिंह भी थे।