-केजीएमयू में ‘उत्तर प्रदेश के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण सेवायें’ का वर्चुअल उद्घाटन

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा “उत्तर प्रदेश के लिए संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण सेवायें ’’ का वर्चुअल उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव, मेडिकल एजुकेशन, उ0 प्र0 आलोक कुमार एवं विशिष्ट अतिथि सचिव, मेडिकल एजुकेशन जी.एस. प्रियदर्शी एवं महानिदेशक,मेडिकल एजुकेशन का स्वागत किया गया।
इस कार्यक्रम के अवसर पर कुलपति ने जीनोम सीक्वेंसिंग सेवाओं का महत्व समझाया एवं उन्होंने कोविड महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर जांच का कार्य 24X7 करने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीम पर गर्व करते हुए उनकी टीम को बधाई दी।
कुलपति द्वारा इस कठिन दौर में सही गाइडेंस एवं देखरेख में रखने के लिए मुख्य अतिथि आलोक कुमार का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया गया|
कार्यक्रम में डॉ अमिता जैन ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी, उन्होंने कोविड जीनोम सिकवेंस के वर्तमान परिदृश्य पर मुख्य अपडेट दिया। इसका उद्देश्य वायरस में हो रहे बदलावों एवं जीनोम अनुक्रमण के पीछे के विज्ञान की सरल रूप से जानकारी प्रदान करना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन आलोक कुमार द्वारा किया किया गया। उन्होंने केजीएमयू द्वारा उठाए गए इस कदम को प्रोत्साहितऔर इसका स्वागत किया। उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को इस कठिन दौर में भी अग्रसर रहने के लिए बधाई दी।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू, देश में अधिकतम COVID-19 परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं में से एक है और हाल ही में इनके द्वारा किये गए 20 लाख कोविड आरटीपीसीआर परीक्षण मील के पत्थर समान है। यह पूरी टीम समाज के लाभ के लिए निरंतर समर्पण और सहयोग के साथ काम कर रही है।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग सलाह और प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों में लगातार लगा हुआ हैं। इसके अलावा विभाग समय-समय पर लो पुट प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न जीवों के लिए जीन अनुक्रमण कर रहा था, यह हमारे लिए बहुत सम्मान और गर्व का दिन है क्योंकि विभाग अपने क्षितिज का विस्तार कर रहा है और एक उच्च थ्रूपुट जीनोम अनुक्रमण सेवाओं का उद्घाटन कर रहा है। इस अवसर पर केजीएमयू के सभी प्रतिष्ठित संकाय और विभिन्न प्रयोगशालाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो अमिता जैन की देखरेख में डॉ0 सुरुचि शुक्ला द्वारा एवं कार्यक्रम समापन डॉ. विमला वेंकटेश के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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