-कुछ सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है बीमारियों से

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। जाड़े में बेमौसम बरसात ने एकाएक ठंडक बढ़ा दी है। जवान, बच्चे एवं बृद्ध सब परेशान हैं। कड़ाके की ठंड का सबसे ज़्यादा असर वृद्धजनों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। कुछ सावधानियां अपना कर मौसम की बीमारियों से बचा जा सकता है।
यह जानकारी देते हुए होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कि इस मौसम में हार्ट अटैक की घटनाएँ ज्यादा होती हैं इसलिए पर्याप्त कपड़े पहनें रहें। बाहर निकलने से बचें, गुनगुना पानी पिएं। अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेतें रहें। सादा एवं पौष्टिक भोजन लें। जाड़े के इस मौसम में धूप निकलने के बाद ही टहलने निकलें।घर मे ही व्यायाम एवं कसरत करें।
उन्होंने कहा कि इस मौसम में अस्थमा की शिकायत बढ़ जाती है क्योंकि वातावरण में नमी के कारण धूल के कण ऊपर नहीं जा पाते हैं और श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जातें हैं जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। इसलिए बाहर निकलने पर मुंह पर मास्क लगाकर ही निकलें। इस मौसम में घुटनों की परेशानी बढ़ जाती है। पुरानी चोटों में भी दर्द बढ़ जाता है। इस ठंड से बचें तथा हाथ-पैरों की सक्रियता बनाये रखें। जाड़े में शरीर में पर्याप्त धूप न लगने के कारण भी हड्डियों में दर्द होने लगता है इसलिए समय निकाल कर धूप अवश्य सेंकें।
जाड़े में खुजली की शिकायत हो जाती है जो काफी परेशान करती है इसलिए साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। गुनगुना पानी पिएं तथा गुनगुने पानी से ही स्नान करें। इस मौसम में खानपान पर पर्याप्त ध्यान रखें, हरी सब्जियों, मौसमी फलों, ड्राई फ्रूट का प्रयोग करें। ज्यादा तली-भुनी तथा गरिष्ठ भोजन का प्रयोग ना करें। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। जाड़े में शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण मधुमेह बढ़ जाता है इसलिए उस पर निगरानी रखें तथा भोजन में कैलोरी का ध्यान रखें। इसलिए जाड़े के मौसम में बृद्धजनों का अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।

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