-वाराणसी में दूसरी कैंडिडेट की जगह देने पहुंची थी नीट परीक्षा देने
-मां ने लालच में पड़कर बेटी को राजी किया था परीक्षा देने के लिए
-मां-बेटी के साथ ही दो अन्य एजेंट भी गिरफ्तार, मास्टर माइंड पटना में
-लखनऊ के केजीएमयू से भी जुड़े हैं सॉल्वर गैंग के सदस्यों के तार
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। पांच लाख रुपये के लालच ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से दंत चिकित्सा की पढ़ाई बीडीएस कर रही टॉपर छात्रा को अभियुक्त बना दिया। वाराणसी में क्राइम ब्रांच ने एक सॉल्वर गैंग को पकड़ा है, जिसमें बीएचयू में पढ़ने वाली बीडीएस सेकंड ईयर की टॉपर छात्रा और उसकी मां भी शामिल हैं। सॉल्वर गैंग के लिए काम करने वाले दो एजेंट भी गिरफ्तार किये गये हैं। पकड़ी गयी छात्रा रविवार को मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए NEET-UG परीक्षा में दूसरे कैंडिडेट की जगह परीक्षा दे रही थी, इस काम के लिए गैंग के आदमियों ने छात्रा की मां को पांच लाख रुपये देने का वादा किया था।
गैंग का मास्टरमाइंड पटना का रहने वाला पीके बताया जा रहा है। इस गैंग के तार लखनऊ के केजीएमयू से भी जुड़े बताये गये हैं यहां से भी एक नाम सामने आ रहा है, जिसकी अहम भूमिका बताई जा रही है। क्राइम बांच के सूत्रों का कहना है कि इस गैंग का नेटवर्क पूर्वोत्तर राज्यों तक फैला है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीएचयू से बीडीएस कर रही छात्रा पटना की रहने वाली है। छात्रा ने सेमेस्टर में टॉप किया है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता पटना में सब्जी बेचते हैं। इसी का फायदा उठाकर सॉल्वर गैंग ने छात्रा की मां से संपर्क किया और 5 लाख रुपए का लालच दिया, और कहा कि अगर तुम्हारी बेटी हमारी कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी तो सेंटर से बाहर निकलते ही 5 लाख रुपए दे दिए जाएंगे। इसके लिए 50 हजार रुपये एडवांस भी दे दिये। लालच में आकर मां ने अपनी बेटी को दूसरी कैंडिडेट की जगह परीक्षा में बैठने के लिए राजी कर लिया।
सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में बनाए गए सेंटर में रविवार को छात्रा अपनी मां के साथ पहुंची थी। कक्ष निरीक्षकों को छात्रा पर शक हुआ तो सूचना पुलिस को दी गई। सूचना के आधार पर शाम के समय क्राइम ब्रांच प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ गए और छात्रा से पूछताछ की तो उसका फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। छात्रा के साथ ही उसकी मां भी पकड़ ली गई। मां के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली गई तो दो दलालों का पता लगा। इनमें बिहार के खगडि़या निवासी विकास और मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र से ओसामा शाहिद को पकड़ कर उनसे पूछताछ की जा रही है।
बताया जा रहा है कि जूली और अभ्यर्थी जिसके स्थान पर जूली परीक्षा देने पहुंची थी, दोनों की फोटो काफी मिलती-जुलती हैं, जूली को सैकड़ों बार मूल अभ्यर्थी के हस्ताक्षर करने की प्रैक्टिस करायी गयी थी।
फैकल्टी ऑफ डेंटल के डीन प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि कि उन्हें अभी तक छात्रा की गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं मिली है। जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय प्रशासन को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ और उनके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस का शक लखनऊ स्थित केजीएमयू के एक डॉक्टर पर गहराया है। सॉल्वर गैंग के इस गिरोह का सरगना पटना निवासी पीके पटना सहित देश के अन्य अलग-अलग स्थानों में ठिकाने बदल कर रहता है। पीके की तलाश में क्राइम ब्रांच की एक टीम पटना भी गयी है।