Wednesday , October 11 2023

स्‍तनपान के लाभ की जानकारी कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करनी चाहिये

-राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने विश्‍व स्‍तनपान सप्‍ताह के मौके पर कहा

-मां का दूध पीने वाले शिशुओं का आईक्‍यू 6 से 8 फीसदी ज्‍यादा होता है : डॉ पियाली भट्टाचार्य

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि स्‍तनपान शिशु के जीवन के लिए कितना महत्‍वपूर्ण है, इसके कितने फायदे हैं, इस बारे में कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करना चाहिये।

राज्‍यपाल ने यह बात आज से शुरू हुए विश्‍व स्‍तनपान सप्‍ताह के अवसर पर यहां योजना भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपने सम्‍बोधन में कही। इस मुद्दे को पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया जाये तो मां और शिशु की जरूरतों के बारे में स्त्रियों के साथ पुरुषों को भी पता रहेगा जिससे स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखने के लिए आवश्‍यक फैसले करने में आसाना रहेगी। उन्‍होंने अभिमन्‍यु के गर्भ में रहकर मां के इमोशन्‍स को समझने की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने अपने बच्‍चों को अपने संस्‍कार सिखाने चाहिये। उन्‍होंने बाल एवं महिला कल्‍याण विभाग से इस दिशा में कार्य करने को कहा।

पर्यावरण को प्रदूषण से बचायेगा स्‍तनपान

इस मौके पर विशेष वक्‍ता के रूप में आमंत्रित संजय गांधी पीजीआई की डॉ पियाली भट्टाचार्य ने स्‍तनपान के महत्‍व के बारे में बताया कि जन्‍म के पहले घंटे के अंदर शिशु को स्‍तनपान अवश्‍य कराना चाहिये। इससे उन्‍होंने बताया कि इन्‍फेन्‍ट मिल्‍क सब्‍स्‍टीट्यूट एक्‍ट के तहत डिब्‍बाबंद दूध, बोतल जैसी चीजों के प्रमोशन को डॉक्‍टरों के लिए प्रति‍बंधित कर दिया है, साथ ही इसको सीधे मां को बेचने, विज्ञापन और प्रमोशन करने में कम्‍पनी पर भी रोक है। उन्‍होंने बताया कि इसबार के विश्‍व स्‍तनपान सप्‍ताह की थीम ब्रेस्‍ट फीडिंग फॉर हेल्दियर प्‍लानेट रखा गया है। उन्‍होंने बताया कि उत्‍पादन से लेकर वितरण तक प्रयोग होने वाली चीजों डि‍ब्‍बे, प्‍लास्टिक, फॉयल, फीडिंग बॉटल, निप्‍पल जैसी चीजों से वेस्‍ट मैटीरियल इकट्ठा हो रहा है इससे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इसके प्रमोशन पर रोक लगायी गयी है।

उन्‍होंने बताया कि मां का दूध शिशु के लिए बहुत ही पोषक होता है, इससे सम्‍पूर्ण पोषक होता है और 6 से 8 प्रतिशत आईक्‍यू यानी बुद्धिमता को बढ़ाता है। 6 माह तक सिर्फ स्‍तनपान कराना चाहिये, इस दौरान पानी, शहद, जन्‍मघुट्टी जैसी चीजें शिशु को नहीं देनी चाहिये। इससे बच्‍चे का तापमान अच्‍छा रहता है, बुद्धिमता बनी रहती है, बच्‍चे का मां के साथ जुड़ाव सहित बहुत से फायदे हैं।

कोविड संक्रमित मां को भी जरूरी है स्‍तनपान कराना

डॉ पियाली ने बताया कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने जारी गाइडलाइन्स में कहा है कि कोविड संक्रमित मां कुछ सावधानियां बरतते हुए स्‍तनपान करा सकती है। जैसे मास्‍क लगाना है, अपने हाथ साबुन-पानी से 40 सेकंड तक धोने हैं या फि‍र अगर सैनिटाइजर से धो रही हैं तो 20 सेकंड तक हाथों को आगे-पीछे अच्‍छे से साफ करने हैं। स्‍तनपान से कोविड नहीं फैलता है। अगर स्‍तनपान नहीं कराया तो दूसरी बीमारियां होने का डर रहता है। आंकड़ों की अगर बात करें तो 10 में एक बच्‍चे को जन्‍म के एक घंटे के अंदर यानी 25.2 बच्‍चों को एक घंटे के अंदर मां का दूध मिल जाता है जबकि 41.6 प्रतिशत बच्‍चों को छह माह तक मां का दूध मिलता है।