ऑटिज्म का शिकार बच्चों को बिहैवियरल थैरेपी से दिया जा सकता है सपोर्ट लखनऊ। ऑटिज्म एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल डिस्आर्डर है जो जेनेटिक होता है, चूंकि इसका पता बच्चे के व्यवहार से ही लगाया जा सकता है, इसलिए आमतौर पर दो-ढाई साल की उम्र में पहुंचकर ही इसे डायग्नोस किया …
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