-सीओपीडी के 40 फीसदी रोगी ऐसे जो धूम्रपान नहीं करते हैं -केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग की स्टडी में आया सामने लखनऊ। जरूरी नहीं है धुआं सिगरेट का ही हो, कोई भी धुआं फेफड़ों के लिए खतरनाक है, और यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का कारण बनता है। स्टडी में …
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