महानिदेशक को कराया गया अवगत, मनमानी हुई तो बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगी सेवायें
महानिदेशक ने दिया आश्वासन, रखा जायेगा नियम और नीति का ध्यान

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में नीति विरुद्ध स्थानांतरण करने का न मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है और न ही यह महानिदेशक की मंशा है लेकिन स्थिति यही है कि मनमाने तरीके से पैरामेडिकल कर्मियों के स्थानांतरण की लिस्ट तैयार की जा रही हैं, पहले भी मेडिकल कॉलेजों में फार्मासिस्टों के किये गये तबादलों में नीति का उल्लंघन हुआ है। मनमाने तरीके से तैयार की गयी लिस्ट के अनुसार अगर स्थानांतरण हुए तो जबरदस्त असंतोष फैलेगा और बुरी तरीके से कार्य प्रभावित होगा, जो कि मरीजों के हित में नहीं होगा।
इस बात से आज राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव और डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप वडोला ने महानिदेशालय पहुंचकर महानिदेशक को अवगत कराया। यह जानकारी देते हुए सुनील यादव बताया कि मनमाने तरीके से बड़े पैमाने पर स्थानांतरण हुए तो यह मुख्यमंत्री की नीतियों के साथ स्थानांतरण नीति का भी उल्लंघन होगा।
सुनील यादव ने कहा कि मामला संज्ञान में आने पर महानिदेशक से मिलकर अनियमितताओं की जानकारी दी गयी। आज डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष संदीप बडोला के नेतृत्व में महानिदेशक से मिला।
सुनील यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि विभागों में आवश्यक स्थानांतरण विकल्प लेकर किये जायें जिससे कर्मियों में भी आक्रोश ना हो, साथ ही जनहित प्रभावित ना हो तथा भ्रष्टाचार व्याप्त ना हो। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में महानिदेशक को भी सभी स्थितियों की जानकारी दिए बिना बड़े पैमाने पर पैरामेडिकल के सभी वर्गों के स्थानांतरण की लिस्ट जल्दबाजी में बनाई जा रही है। विभाग में एक साथ 2 हजार पैरामेडिकल कर्मियों के स्थानांतरण से विभाग का कार्य प्रभावित होगा।
विकल्प न मांगने के कारण लोगों को मनमर्जी तरीके से दूरदराज भेजा जा रहा है, महिला कर्मियों के साथ अमानवीय जैसा व्यवहार करते हुए 400-500 किमी दूर भेजने का प्रस्ताव है।
वहीं दिव्यांग, आश्रित दिव्यांग, 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों, दाम्पत्य नीति, पदाधिकारियों की भी सूचना सही से संकलित ना होने से नीति के विरुद्ध स्थानांतरण हो सकते हैं। जनपदों से जो सूचना मांगी गई है उनमें नीति के इन तथ्यों का उल्लेख नहीं है। इसलिए जनपदों से आ रही सूचनाएं ही अपूर्ण हैं, अपूर्ण सूचनाओं के आधार पर स्थानांतरण से अनेक अनियमितताएं पैदा होंगी।
उन्होंने कहा कि उदाहरण स्वरूप मेडिकल कॉलेज से जो स्थान्तरण किये गए उनमें नीति का स्पष्ट उल्लंघन है। दाम्पत्य नीति से आच्छादित पदाधिकारियों, पदाधिकारियों, विकलांगों, 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के स्थानांतरण किये गए हैं।
महासंघ ने यह भी कहा कि जिन फार्मेसिस्टो ने स्थानांतरण का अनुरोध किया है उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए । अनेक कर्मी गंभीर बीमारी आदि के कारण पिछले 2 वर्षों से स्थानांतरण चाह रहे हैं लेकिन उनके आवेदनों पर कार्यवाही नही हुई इसलिये उन्हें प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक ने नियमानुसार, नीति के अनुसार स्थानांतरण करने के साथ स्वयं के अनुरोध का स्थानांतरण प्राथमिकता पर करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों ने भी नीतिविरुद्ध स्थानांतरण पर आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है
संदीप वडोला ने बताया कि स्थानांतरण नीति से हटकर किये जा रहे गलत स्थानांतरण के विरोध में डी पी ए द्वारा विगत दिनों से लगातार किये जा रहे विरोध के बाद आज डी पी ए से हुई वार्ता में महानिदेशक ने कहा कि नियमानुसार स्थानांतरण किये जायेंगे जबकि इससे पूर्व 20 प्रतिशत के हिसाब से लगभग 1400 साथियो के स्थानांतरण की सूची विभाग ने तैयार कर ली थी जो रोक दी गयी।
 
 

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