-आईसीयू सेवाओें को सुदृढ़ करने के लिए 200 बेड की सेवा शुरू करने की तैयारी
-संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमन से ‘सेहत टाइम्स’ की खास मुलाकात

धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई आईसीयू के 200 बेड की सुविधा जल्दी ही शुरू करने जा रहा है। खास बात यह है कि इन 200 बेड में 140 बेड गोरखपुर सहित छह मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किये जायेंगे, लेकिन उनकी निगरानी यहीं पीजीआई से ही की जायेगी, इस प्रकार वर्चुअल आईसीयू सेवा से इन मेडिकल कॉलेज के अतिगंभीर मरीजों को संजय गांधी पीजीआई के स्तर का इलाज मिल सकेगा।
यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रो राधाकृष्ण धीमन ने ‘सेहत टाइम्स‘ से एक विशेष मुलाकात में दी। उन्होंने बताया कि 200 बेड के आईसीयू की निगरानी यहीं पीजीआई से ही की जायेगी, इनमें 60 बेड एसजीपीजीआई में ही होंगे जबकि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के 40 एवं मेरठ, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, आगरा के 20-20 आईसीयू बेड हैं। उन्होंने बताया कि इसका फायदा यह होगा कि इनमें से किसी भी मेडिकल कॉलेज में मरीज सीरियस हुआ तो हम लोग यहीं से बैठकर उस मरीज के बारे में जानकारी ले लेंगे, मरीज के पैरामीटर यहीं बैठकर देख सकेंगे और दवा आदि के बारे में वहां के डॉक्टर से डिस्कस कर सकेंगे। इस स्थिति में प्रत्येक गंभीर मरीज को लखनऊ भेजने की जरूरत नहीं रहेगी, और अगर भेजना भी पड़ा तो कम से कम मरीज की स्थिति को स्थिर करके ही रेफर किया जायेगा, जिससे कि जान का खतरा टाला जा सके। उन्होंने कहा कि हम लोग एयर एम्बुलेंस सेवा भी शुरू करेंगे जो कि मरीज को शीघ्र लाने में सहायक होगी।
उन्होंने बताया कि संस्थान ने दो एमओयू साइन किये पहला सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के साथ किया गया, इसके तहत एसटीपीआई को लाइब्रेरी की तीसरी मंजिल पर 18 हजार स्क्वॉयर फीट जगह दी है। इसमें स्टार्टअप के तहत स्वदेशी वेंटीलेटर, मॉनीटर्स आदि के मॉडल्स तैयार होंगे, जो हमें आत्मनिर्भर बनायेंगे, वर्ना अभी तक तो पल्स ऑक्सीमीटर तक बाहर से खरीदना पड़ता है। इसके अतिरिक्त दूसरा एमओयू पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ हुआ जिसमें उसने 7 करोड़ रुपये टेली आईसीयू सर्विसेज के लिए दिये हैं, जिसके तहत 200 आईसीयू बेड स्थापित किये जा रहे हैं।
देखें वीडियो-एक साल के कार्यकाल में चुनौतियों को उपलब्धियों में बदला एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने
चुनौतियां जो बन गयीं उपलब्धियां
ज्ञात हो प्रो धीमन का बीती 8 फरवरी को निदेशक के रूप में एक साल पूरा हो गया है। अपने कार्यकाल के अनुभव के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि बीता वर्ष बहुत उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से भरा रहा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती कोविड से निपटने की थी। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार की मंशानुरूप 318 बेड का राजधानी कोविड हॉस्पिटल बनाया, इसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा बेड आईसीयू के थे, इसी का नतीजा रहा कि अतिगम्भीर रोगी भी हमारे यहां ठीक हुए, उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में कोरोना से सबसे ज्यादा करीब तीन हजार मरीज ठीक हुए।
उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के उपचार के लिए हमने 18 टीमें बना रखी थीं, इन टीमों में कोई टीम आईसीयू, कोई आईसोलेशन, कोई सुपरविजन, कोई फूड, कोई न्यूट्रीशन जैसे अलग-अलग कार्य देख रही थीं। इसके अतिरिक्त सभी भर्ती मरीजों का शाम को 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक वर्चुअल आईसीयू राउंड होता था। इस राउंड के समय फैकल्टी, डॉक्टर के साथ एक-एक मरीज के बारे में रिव्यू किया जाता था, मरीज के लिए उचित सलाह दी जाती थी। इसके अतिरिक्त कोविड काल में हमने मेडिकल कॉलेजों में वर्चुअली आईसीयू की सुविधा दी वहां के डॉक्टर और स्टाफ को वर्चुअली प्रशिक्षित किया गया।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times