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चिकित्‍सा-शोध में सम्‍मान की सीढ़ी की 122वीं पायदान पर चढ़े प्रो सूर्यकांत

-उ0प्र0 उर्दू एकेडमी व इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन रिसोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट ने दिया निशान-ए-उर्दू अवॉर्ड

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा0 सूर्यकान्त को ”निशान-ए-उर्दू”अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड, डा0 सूर्यकान्त को उ0प्र0 उर्दू एकेडमी व इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन रिसोर्स रिसर्च और डेवलपमेन्ट के द्वारा प्रदान किया गया है। डा0 सूर्यकान्त को यह अलंकरण चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शोध में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। डा0 सूर्यकान्त का अब तक यह 122 वाँ सम्मान है। डा0 सूर्यकान्त विगत दो दशकों से अधिक समय से एलर्जी, अस्थमा, सी.ओ.पी.डी., टीबी, फेफड़े का कैंसर, वायु प्रदूषण रोग जनित और अन्य सम्बन्धित चेस्ट रोगों पर शोध कार्य और चिकित्सकीय कार्य कर रहे हैं।

ज्ञात रहे कि डा0 सूर्यकान्त इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन (एन0सी0सी0पी0) के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पूर्व में डा0 सूर्यकान्त इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे उत्तर प्रदेश ट्यूबरकुलोसिस स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन पद पर भी कार्यरत हैं। इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 16 किताबें भी लिख चुके हैं, इसके अलावा एलर्जी, अस्थमा के क्षेत्र में उनके अनेक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जरनल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वे पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओं के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थमा से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।

डा0 सूर्यकान्त को पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इण्डिया, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाचुका है। उन्हें उ0 प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।