बाल रोग अकादमी की श्वास रोग इकाई की उत्तर प्रदेश शाखा की वार्षिक संगोष्ठी में कैबिनेट मंत्री ने की अकादमी की तारीफ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञों के अथक प्रयास से बच्चों में निमोनिया सम्बन्धित बीमारी और मृत्यु दर में कमी आयी है। श्री पाठक आज यहां बाल रोग अकादमी की श्वास रोग इकाई की उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा आयोजित तीसरे वार्षिक राज्य सम्मेलन यूपी रेस्पीकॉन के आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से श्वास रोगों से सम्बन्धी नवीन जानकारियों को आम जनता तक पहुंचाने में मदद मिलती है। इस दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन केजीएमयू और एरा मेडिकल विश्व विद्यालय के बाल रोग विभाग द्वारा किया गया था। इस संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि एरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एए मेहदी और आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष प्रो सूर्यकांत ने कहा कि भारत के पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर को घटाने में सबसे महत्वपूर्ण घटक निमोनिया का सही निदान और उपचार है।
इस आयोजन की अध्यक्ष प्रो शैली अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्वास रोग भारत में बच्चों में बीमारी और मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि विश्व में प्रतिदिन 2400 बच्चों का जीवन निमोनिया की भेंट चढ़ जाता है, इस संख्या में एक बड़ा हिस्सा भारत का है, और अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो रोज 75 बच्चे निमोनिया के चलते काल के गाल में समा जाते हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने कहा कि व्यापक टीकाकरण, कुपोषण में कमी, 6 माह तक स्तनपान, साफ-सफाई और वायु प्रदूषण में कमी लाना आवश्यक है।
इस मौके पर श्वास सम्बन्धी बीमारियों पर अच्छा कार्य करने के लिए केजीएमयू के बाल रोग विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो इंदु वाखलू को लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उपस्थित एम्स के डॉ एसके कालरा ने कहा कि श्वसन स्वास्थ्य की रक्षा कर के ही हम 2030 के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। डॉ संजय निरंजन ने कहा कि फ्लू के लिए उपलब्ध नया क्वाड्री-वैलेन्ट टीका पुराने ट्राई-वैलेन्ट टीके के मुकाबले ज्यादा व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है।

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