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दस्त से मौतों व मरीजों की अस्पताल में भर्ती का आंकड़ा ओआरएस से घटाना संभव

-विश्व ओआरएस दिवस पर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ने किया लोगों को जागरूक

सेहत टाइम्स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीएम सिंह ने कहा है कि ओआरएस जिंक और अब 2014 में शुरू हुए रोटावायरस टीकाकरण से हम भारत सरकार के नारे ‘डायरिया से बचाव, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान’ को पूरा कर सकते हैं और उस पर खरा उतर सकते हैं। इससे दस्त के कारण मृत्यु दर पर काफी नियंत्रण और दस्त में अस्पताल में प्रवेश में कमी की जा सकती है।

प्रो सिंह ने यह बात आज विश्व ओआरएस दिवस के अवसर पर राम प्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय, शहीद पथ में बाल रोग एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित एक जन जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए अपने सम्बोधन में कही।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. पीयूष उपाध्याय ने करते हुए अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता और ओआरएस व जिंक से हम डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर ला सकते हैं। यदि दस्त में ओआरएस और जिंक का असर नहीं हो रहा है और पेशाब कम हो रहा है, बच्चा सुस्त हो रहा है, मल में खून आ रहा है, बच्चा ओआरएस नहीं पी रहा है, तो बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए।

बैच 2022 के एमबीबीएस छात्रों द्वारा ओआरएस और जिंक के लाभों और हमें डायरिया संक्रमण से बचाने के सुझावों को दर्शाते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने ओआरएस की भूमिका डायरिया के कारण और इससे बचाव पर जागरूकता प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया, जिसमें लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नर्सिंग छात्रों द्वारा माता-पिता और बच्चों को डायरिया में ओआरएस बनाने और देने का तरीका दिखाया गया। एचओडी बाल रोग डॉ. दीप्ति अग्रवाल और एचओडी सामुदायिक चिकित्सा प्रो. एसडी कांडपाल ने डायरिया में ओआरएस के सही उपयोग और लाभों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. श्रीकेश सिंह और बाल रोग एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सभी संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

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