-यूपी में पहली बार हुई ऐसी सर्जरी, मां और शिशु दोनों स्वस्थ
-तीन विधाओं के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने स्वीकार की चुनौती
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने उत्तर प्रदेश में पहली बार दिल की गंभीर बीमारी से ग्रस्त गर्भवती महिला का सिजेरियन करके उसके दिल की भी सफल सर्जरी की है। एक सप्ताह पूर्व हुई सर्जरी के बाद अब मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं, उन्हें आज अस्पताल से छुट्टी दी गयी है।
मिली जानकारी के अनुसार 27 वर्षीय महिला आशा पिलखवा ने पूर्ण गर्भावस्था के साथ केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में संपर्क स्थापित किया था, महिला दिल की गंभीर बीमारी सीवियर सुप्रवाल्वुलर क्रिटिकल एरोटिक स्टेनोसिस नाम की दिल की गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी। महिला को गर्भावस्था के साथ ऐसे जानलेवा हृदय रोग होने के कारण उत्तराखंड के कई अस्पतालों से रेफर कर दिया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे ज्यादातर मामलों में महिला प्रसव के दौरान या एनेस्थीसिया के बाद बेहोश हो जाती हैं क्योंकि उनका दिल बड़ी सर्जरी प्रक्रिया को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। इसी वजह से महिला को विभिन्न अस्पतालों द्वारा सर्जरी से मना कर दिया गया था और उसे किसी उच्च केंद्र के लिए रेफर किया गया था।
चिकित्सकों के अनुसार इस प्रकार के केस में अधिकतर गर्भावस्था से पहले ही हार्ट की सर्जरी करा ली जाती है, लेकिन यह महिला गर्भधारण करने से पूर्व हार्ट की सर्जरी कराने से चूक गई। ऐसे में चिकित्सकों के सामने इस स्थिति में शिशु का जन्म कराना एक बड़ी चुनौती था क्योंकि हार्ट सर्जरी के साथ सिजेरियन से प्रसव के दौरान मां की मृत्यु की संभावना अधिक होती है।
गहन विचार मंथन के बाद केजीएमयू में विभिन्न विशेषज्ञों स्त्री रोग विशेषज्ञ, कार्डियक ऐनेस्थेटिस्ट और कार्डियक सर्जन की एक टीम बनाई गई। गहन विचार विमर्श के बाद तय किया कि सिजेरियन और कार्डियक सर्जरी एक साथ करके मां और शिशु दोनों को बचाने का प्रयास किया जायेगा। इसके बाद 9 फरवरी को महिला की पहले सिजेरियन कर डिलीवरी कराने के बाद उसकी हार्ट सर्जरी भी की गई। चिकित्सकों के अनुसार केजीएमयू में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है और जहां तक उनकी उनको जानकारी है, ऐसा उत्तर प्रदेश में भी पहले कभी नहीं हुआ।
सर्जरी करने वाली टीम में ऐनेस्थीसिया के प्रो जीपी सिंह, डॉ करन कौशिक और डॉ रति प्रभा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों में प्रो सुजाता देव, डॉ वंदना सोलंकी और डॉ नम्रता तथा कार्डियोवैस्कुलर थोरेसिक सर्जरी (सीवीटीएस) के प्रो एसके सिंह, डॉ विवेक तिवार्सन, डॉ भूपेंद्र और डॉ जीशान शामिल रहे।