-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दी अपनी प्रतिक्रिया
–‘यथासंभव पोस्टमॉर्टम न कराये जाने का प्रोटोकॉल’ पूरा करने के लिए संशोधन जरूरी

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोविड-19 महामारी का उपचार व उसके बचाव के लिए कार्यरत कार्मिकों की संक्रमण से मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 50लाख की एकमुश्त अनुग्रह धनराशि दिये जाने सम्बन्धी शासन द्वारा जिलाधिकारी को अधिकृत किये जाने सम्बन्घी आदेश का राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने स्वागत किया है, साथ ही मृत्यु का कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर पूर्व में जारी प्रोटोकॉल के बिन्दुओं पर सरकार का ध्यानाकर्षण किया है।
परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव, महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा है कि मैं सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता हूँ, इससे कोरोना की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वो परिवार की चिंता से निर्भीक होकर जनसेवा करेंगे। निश्चित ही सरकार का स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कहा है कि परिषद अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग के पत्र में बिंदु संख्या 3 पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए एक तकनीकी बिंदु पर संशोधन का सुझाव प्रस्तुत कर रही है कि प्रोटोकाल के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से मृत्यु होने पर यथासंभव पोस्टमॉर्टम न करने का सुझाव पूर्व में जारी किया गया है। अपरिहार्य परिस्थितियों में अगर पोस्टमॉर्टम करना भी पड़े तो उसके लिए पोस्टमॉर्टम कार्य करने वालों की सुरक्षा के लिए दस बिन्दुओं की औपचारिकता पूरी करनी आवश्यक है। ऐसे में यथासंभव पोस्टमॉर्टम न करने के प्रोटोकॉल को पूरा किये जाने के लिए आवश्यक है कि राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों की बिंदु संख्या में दिये निर्देशों में संशोधन किया जाना चाहिये, यानी कार्मिक की मृत्यु का कारण, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से तय करने की अनिवार्यता समाप्त करते हुए सामान्य चिकित्सीय डेथ रिपोर्ट को ही आधार माना जाना चाहिए, अन्यथा तकनीकी कारणों से मृतक कर्मी का परिवार भटकता रहेगा, और सरकार की सहायता देने की मंशा पूरी नहीं हो सकेगी।
आपको बता दें इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्त लखनऊ एवं गौतम बुद्ध नगर, सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा सभी पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में पत्र भेजा गया है पत्र के अनुसार कोविड-19 की रोकथाम में लगे सभी विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, प्राधिकरणों आदि अन्य सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी, संविदा कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स, स्थायी, अस्थायी कर्मियों के आश्रितों को यह धनराशि दी जाएगी।
पत्र में लिखा गया है कि इसकी स्वीकृति के लिए संबंधित जनपद के जिलाधिकारी अधिकृत होंगे, जबकि इसके लिए कार्यालयाध्यक्ष का इस आशय का प्रमाण पत्र की संबंधित कार्मिक कोविड-19 की रोकथाम, उपचार व उससे बचाव के कार्यों के लिए नियुक्त था, तथा साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का इस आशय का प्रमाण पत्र कि संबंधित कार्मिक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हुई है, देना जरूरी होगा।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times