-केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग में विश्व टीबी दिवस पर आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश वर्मा ने सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) टीबी के प्रमुख लक्षणों और जटिलताओं के बारे में बताया है कि जिन लोगों को सिरदर्द, उल्टी, दोहरा दिखना (डिप्लोपिया) और स्ट्रोक की शिकायत हो, उन्हें गंभीर परिणामों से बचने के लिए समय पर चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता है।
विश्व टीबी दिवस के अवसर पर केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग मेें आयोजित एक जन जागरूकता कार्यक्रम में सीएनएस टीबी की भारत में अधिकता, व्यापकता और इससे होने वाले गंभीर प्रभावों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में इस बीमारी से जुड़ी उच्च मृत्यु दर और इसके शीघ्र निदान एवं प्रभावी उपचार की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया।


विभाग के अन्य विशेषज्ञों ने उपचार का पूरा कोर्स लेने, उचित पोषण और स्वच्छता बनाए रखने की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही योजनाओं और केजीएमयू में उपलब्ध विशेष सुविधाओं, जैसे सीएनएस टीबी मरीजों के लिए समर्पित संक्रामक रोग क्लिनिक, के बारे में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा सीएनएस टीबी के उपचार में सुधार लाने के लिए किए जा रहे शोध कार्यों पर भी चर्चा की गई, जिससे इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए केजीएमयू की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया। एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों को विशेषज्ञों से सीधे सवाल पूछने और सीएनएस टीबी की रोकथाम एवं उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम का समापन टीबी के खिलाफ सक्रिय रूप से लड़ने और एक स्वस्थ, टीबी-मुक्त राष्ट्र के निर्माण के संकल्प के साथ हुआ। विभागाध्यक्ष ने कहा कि केजीएमयू का न्यूरोलॉजी विभाग सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा और शोध-आधारित समाधानों के माध्यम से सीएनएस टीबी संबंधी विकारों से निपटने के लिए समर्पित है।
