-केजीएमयू के एआरटी प्लस सेंटर में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता शिविर आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अगर चिकित्सक की सलाह मानकर अपने उपचार की दिशा तय करता है तो वह भी स्वस्थ जीवन जी सकता है।
यह बात आज विश्व एड्स दिवस के अवसर पर केजीएमयू स्थित ए आर टी प्लस सेंटर में आयोजित एक जागरूकता कैम्प में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ वीरेन्द्र आतम ने कही। शिविर में एचआईवी पॉजिटिव अनाथ बच्चों को आमंत्रित किया गया था, डॉ आतम ने बच्चों तथा सेंटर की ओपीडी में आने वाले लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जागरूकता से जहां हम एचआईवी संक्रमण से बचने के लिए लोगों को शिक्षित कर सकते हैं वहीं संक्रमित व्यक्ति को भी स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
समारोह में विशिष्ट अतिथि में शामिल हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एसएन संखवार ने कहा कि हालांकि एचआईवी संक्रमित मरीजों का उपचार करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में सभी कर्मियों को जानकारी दी जाती रहती है लेकिन फिर भी कभी चूक हो जाने की स्थिति में पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) दवाओं की 24 घंटे उपलब्धता अस्पताल में सुनिश्चित की गयी है।
इस मौके पर अनाथालय से आये बच्चों को उपहार प्रदान किये गये। ये बच्चे शांति निकेतन संस्था के द्वारा किये जा रहे प्रयासों से उपचार लेते हुए स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। बच्चे वहीं पर रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जागरूकता कैम्प में हस्ताक्षर अभियान, स्लोगन लेखन के साथ साथ सभी मरीजों, डॉक्टर मेडिकल स्टाफ ,पैरामेडिकल स्टाफ को रिबन लगाया गया।
सीनियर मेडिकल ऑफीसर डॉ नीतू गुप्ता ने बताया कि दवा लेने के दौरान प्रोटीन युक्त भोजन फायदेमंद होता है। कार्यक्रम में अंत में धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए प्रो डी हिमांशु ने कहा कि सभी को उपचार उपलब्ध हो, मरीज को उचित जानकारी हो इसके लिए पूरे प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे हम मरीजों के साथ होने वाले भेदभाव को भी खत्म कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सौरभ पालीवाल ने किया। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी प्रो डी हिमांशु, डॉ अम्बुज यादव, मेडिकल ऑफीसर डॉ सुमन गुप्ता, डॉ पंकज बाजपेयी, डॉ भास्कर पाण्डे, डॉ शालिनी श्रीवास्तव, अमित बाजपेयी, जैनेंद्र राय, संदीप सिंह, सीमा शुक्ला, राशी सिंह, कपिल महेंद्रू, नीता बाजपेयी एवं संतोष पांडे उपस्थित थे।