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नसबंदी के लिए महिलाएं जागरूक नहीं, पुरुष आगे आते नहीं, कैसे हल हो समस्या ?

सीएमओ ने नसबंदी कार्यक्रम की सफलता के लिए धर्मगुरुओं से मांगा सहयोग   

24 साल बाद सीएमओ ने आयोजित किया धर्म गुरु सम्‍मेलन  

लखनऊ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाने के लिए एक धर्मगुरु सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी,  मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, फादर पास्कल, ए बी सी चर्च, प्रीति नगर, ज्ञानी मनजीत सिंह, गुरुद्वारा गोमती नगर, संतोष वेदालंकार, आर्य समाज सदर तथा अनेक अन्य धर्म गुरुओं ने भाग लिया।

 

कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने परिवार नियोजन पर धर्म गुरुओं द्वारा जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया।   कार्यशाला का आरंभ करते हुए  मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी ने कहा कि परिवार नियोजन के लिए महिलाएं जागरुक नहीं है, तथा पुरुष नसबंदी के लिए पुरुष आगे नहीं आते हैं। हमें जनसंख्या की रोक पर ध्यान देना है।

 

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि सीएमओ की टीम बेहतरीन काम करने की कोशिश कर रही है, जब किसी काम को मजहब से जोड़ दिया जाता है तो उस काम को सफलतापूर्वक करने में सहयोग मिलता है। उन्होंने इस संबंध में पल्स पोलियो तथा मिजिल्स रूबेला  अभियान  का जिक्र भी किया।

 

कार्यक्रम में बोलते हुए फादर पास्कल ने कहा कि महिला एवं पुरुष नसबंदी सीधे-सीधे शिक्षा से जुड़ी हुई है। इस संबंध में उन्होंने केरल का उदाहरण दिया ,जहां साक्षरता दर 100% है तथा वहां पर पुरुष स्वयं ही नसबंदी के लिए आगे आते हैं।

 

ज्ञानी मनजीत सिंह गुरुद्वारा प्रीती नगर ने कहा कि परिवार बढ़ाने से पहले हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन बच्चों की शिक्षा एवं पालन पोषण में हम कितने समर्थ होंगे।

 

संतोष वेदालंकार आर्य समाज सदर ने परिवार की परिभाषा बताई और कहा कि सिर्फ पति पत्नी और बच्चे ही परिवार नहीं होते। हमें बुजुर्गों का भी ध्यान रखना चाहिए।

 

कार्यक्रम के अंत में नोडल अधिकारी परिवार नियोजन डॉ एके दीक्षित ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा अन्य उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया ।इस कार्यक्रम में अपर मुख्य अधिकारी डॉ डीके बाजपेई, डॉ अजय राजा, डा सईद अहमद,डॉक्टर आर वी सिंह,उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के पी त्रिपाठी तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी भी उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम में बोलते हुए पुरुष नसबंदी के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त सर्जन ,प्रोफेसर यूरोलॉजी ,केजीएमयू डॉक्टर नंदन दशीला ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बधाई देते हुए बताया कि परिवार नियोजन के विषय पर धर्म गुरुओं का यह सम्मेलन 24 वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आशा प्रकट की कि इस प्रकार के सम्मेलन से समुदाय में पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 24 वर्ष बाद इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए बधाई भी दी।

 

कार्यक्रम के अंत में परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी  डॉ एके दीक्षित ने सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। आज ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में पुरूष नसबंदी के लाभार्थियोंकी गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस गोष्ठी में पुरुष नसबंदी कराने वाले तीन लाभार्थी रवी कुमार, नंदू कश्यप तथा अजय कुमार बाजपेई भी उपस्थित थे इन सभी ने पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित करनेवाले अमरदीप सिंह कोहली का धन्यवाद दिया तथा नसबंदी कराने के पश्चात  अपने अनुभवों के बारे में बताया और कहा कि उन्हें पुरुष नसबंदी कराने के बाद किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं हो रही है। तथा इसमें जो प्रोत्साहन राशि 2000 रुपये मिलती है, वह ऑपरेशन के तीसरे दिन उनके खातों में आ गई।

पुरुष-महिला नसबंदी के लाभार्थियों को किया गया पुरस्‍कृत

इस अवसर पर महिला नसबंदी कराने वाली 3 लाभार्थी उर्वशी, प्रमिला तथा सुमन भी उपस्थित थे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने पुरुष नसबंदी तथा महिला नसबंदी के तीन-तीन लाभार्थियों को पुरस्कार भी दिया। कार्यक्रम में डॉ दशीला ने पुरुष नसबंदी के बारे में जन समुदाय में व्याप्त सवालों के जवाब भी दिए तथा बताया कि यह पूर्णतया सुरक्षित है।