धूम्रपान, मांसाहार, मिलावटी व प्रिजरवेटिव खाद्य पदार्थ खाने वालों को किडनी के कैंसर का ज्यादा डर

लखनऊ। धूम्रपान, मांसाहार, मिलावटी खाद्य पदार्थ, प्रेजरवेटिव खाद्य पदार्थ का सेवन करने वालों को किडनी का कैंसर होने की संभावना दूसरों की अपेक्षा अधिक होती है। बेहतर रहेगा कि 40 साल की आयु के बाद साल भर में कम से कम एक बार अल्ट्रासाउंड जांच अवश्य करा लेनी चाहिये ताकि अगर किडनी में किसी तरह का बदलाव हो रहा है तो वह शुरुआत में ही पकड़ में आ जाये, शुरुआत में ही रोग को पकड़ने से उसका इलाज आसान हो जाता है और साथ ही इलाज की सफलता भी अधिक हो जाती है।
यह सलाह केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग के हेड प्रो एसएन संखवार ने यूरो ऑन्कोकॉन 2019 के मौके पर एक विशेष वार्ता में दी। डॉ संखवार ने कहा कि दरअसल कैडमियम एक प्रकार की धातु होती है जो मिलावटी, मांसाहारी, प्रिजर्वेटिव खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में जाने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के परिवार में किसी को किडनी का कैंसर रह चुका है तो उसे किडनी कैंसर की संभावना 4 से 8 फीसदी ज्यादा रहती है।

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