आधुनिक तकनीकियों से दिल का इलाज एसजीपीजीआई व केजीएमयू में भी उपलब्ध

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। जो बीते दस साल में नहीं हुआ, वह हो रहा है, भारत बदल रहा है, विकसित हो रहा है, एक समय दिल का इलाज कराने का ठिकाना विदेश जाना ही समझा जाता था लेकिन अब समय यह है कि हम न सिर्फ विदेशी टेक्निक से इलाज कर रहे हैं बल्कि रिसर्च के बाद नयी तकनीक विकसित भी कर रहे हैं, यही नहीं विदेशों से लोग भारत में अपना इलाज कराने आ रहे हैं। इसी तरह की एक तकनीक जो भारत में विकसित हुई है वह है बिना सर्जरी के दिल के चारों में से किसी भी वॉल्व को बदला जाना। इस आधुनिक विधि से इलाज की सुविधा भारत में तो है ही लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई और किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भी उपलब्ध है।
यह बात बुधवार को केजीएमयू के मेडिसिन विभाग द्वारा ब्राउन हॉल में आयोजित प्रो एनएन गुप्ता व प्रो सीजी अग्रवाल व्याख्यान में मुख्य वक्ता हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ प्रवीण कुमार ने अपने सम्बोधन में कही। डॉ प्रवीण कुमार मेदान्ता हॉस्पिटल दिल्ली दिल का इलाज जो पहले सिर्फ विदेशों में होता था, वही इलाज अब अपने देश यहां तक कि लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई और किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि भारत मे विकसित नई तकनीक के कारण विदेशी भी भारत मे हृदय रोगों का उपचार करने आ रहे है। वॉल्व बदलने से लेकर अन्य गंभीर हृदय रोगों का उपचार अब मात्र एक छोटे चीरे और तार के माध्यम से संभव हो गया है।

डॉ प्रवीण चंद्रा ने बताया कि लेटेस्ट स्टडी में सामने आया है कि कैन्सर से ज्यादा लोग हृदय रोगों के कारण मर रहे है। यह चिंता का विषय है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रो केके सावलानी ने मुख्य वक्ता डॉ प्रवीण चन्द्रा का परिचय देते हुए बताया कि डॉ प्रवीण चंद्रा मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट हैं तथा उन्होंने अपनी चिकित्सा शिक्षा यहीं केजीएमयू से ली है। डॉ सावलानी ने कहा कि डॉ प्रवीण चन्द्रा की कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में बहुत प्रतिष्ठा है। डॉ प्रवीण चन्द्रा ने भी केजीएमयू में अपने पढ़ाई के समय में शिक्षा देने वाले टीचर्स को याद करते हुए कहा कि मुझे जो यहां शिक्षा और गुरुओं का सान्निध्य मिला है उसी की वजह से मैं आज इस मुकाम पर हूं।
उन्होंने बताया कि ट्रांसकैथेटर ऑरटिक वाल्व इम्प्लान्टेशन Transcatheter aortic valve implantation (TAVI) तकनीक से ऑरटिक वाल्व के साथ ही अब माइट्रल वॉल्व रिप्लेसमेंट भी बिना सर्जरी के केजीएमयू में भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी नयी तकनीक हैं जिनसे अब लखनऊ में ही व्यक्ति का उपचार आसान हो गया है।
इस अवसर पर प्रो सी जी अग्रवाल ने प्रो एन एन गुप्ता को याद करते हुए कहा उन्होंने समय की पाबंदी और मरीज के प्रति समर्पण का जो पाठ सिखाया वह आज भी काम आता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ डी हिमांशु ने कहा कि आज के महत्वपूर्ण व्याख्यान से मरीजों के उपचार में रेजीडेंट चिकित्सकों को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रो सीजी अग्रवाल हमारे टीचर ही नहीं बल्कि वह इंस्टीट्यूशन हैं, वे हमें आज भी सिखाते हैं। कार्यक्रम में डॉ कमलेश गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डॉ मेंहदी हसन, डॉ नारायण, डॉ विवेक, डॉ एसपी चौधरी, डॉ सोनकर, डॉ सुधीर, डॉ अरविन्द सहित अनेक फैकल्टी उपस्थित रहीं।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times