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कबीर की समाज को दी गयी शिक्षा व दिशा आज भी प्रासंगिक

कबीर पर परिचर्चा का आयोजन और दो पुस्तकों का विमोचन

लखनऊ। गोमतीनगर के विपुल खण्ड स्थित स्मृति भवन के सभागार मे कबीर पर एक परिचर्चा ” संत कबीर – कुछ विशेष प्रसंग ” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व मुख्य सचिव डा0 शम्भूनाथ थे । इस अवसर पर डा रश्मि सोनी द्वारा लिखित अंग्रेजी भाषा  मे पुस्तक  संत कबीर्स वे टु इमोशनल इंटेलिजेंस (Sant Kabir’s way to Emotional Intelligence) और डा अक्षयवर सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “आओ कबीर को जिएं ” पुस्तकों का विमोचन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस सी वर्मा ने की तथा मंच का संचालन देवकीनंदन शांत ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कबीर शांति मिशन के संस्थापक और पूर्व आईएएस राकेश कुमार मित्तल के उद्बोधन के साथ हुई तत्पश्चात दोनों लेखकों ने अपनी अपनी पुस्तकों के बारे मे जानकारी दी।

मुख्य वक्ता पूर्व मुख्य सचिव  शम्भूनाथ ने कहा कि कबीर एक महान  संत, भक्त और कवि के रूप मे समाज को एक नई शिक्षा व दिशा दी जो आज भी प्रासंगिक है । उन्होंने कबीर के अनेक दोहों पर विस्तृत जानकारी दी उन्होंने बताया कि कबीर ने “ढाई आखर प्रेम का पढै सो पंडित होय” के जरिये विश्व एकता को बढ़ावा देने के लिए गहरा संदेश दिया, उन्होने आगे बताया कि कबीर ने मध्यकालीन भारत मे फैली वैश्यावृत्ति पर गहरी चोट की ।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, जे एस मिश्रा, श्रीराम प्रपत्ति पीठाधीश्वर स्वामी  (डा) सौमित्रि प्रपन्नाचार्य जी महाराज, सुरभि रंजन, जयहिंद कालेज मुम्बई की पूर्व प्रिंसिपल एवं ख्याति प्राप्त इतिहासकार डा कीर्ति नारायण सहित कई हस्तियों की उपस्थिति रही ।

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