-नदी में न कर सकें स्नान तो नहाने के पानी में डाल लें गंगाजल की बूंदें : आचार्य विजय वर्मा
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। मकर संक्रांति का पर्व आ रहा है। इस दिन लोग खिचड़ी व अन्य वस्तुओं का दान करते हैं तथा इस दिन खिचड़ी खाने का विशेष महत्व हैं। इस पर्व को लोग खिचड़ी भी कहते हैं। ऊर्जा ऐस्ट्रो एनर्जी सेंटर व सोशल एंड वेलफेयर सोसाइटी, लखनऊ के ज्योतिषी आचार्य विजय वर्मा ने इस त्योहार को मनाने और इस बार इसके मुहूर्त आदि की जानकारी दी।
जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
मकर संक्रांति का पर्व धर्म कर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है, इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करना बेहद श्रेष्ठ माना गया है।
वर्ष 2021 में मकर संक्रांति कब
धनु राशि में इस समय सूर्य देव गोचर कर रहे हैं, सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है, सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते है तो इस राशि परिवर्तन को मकर संक्रांति कहा जाता है, इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को है।
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
पौष माह चल रहा है, मकर संक्रांति पौष मास का प्रमुख पर्व है, इस दिन माघ मास का आरंभ होता है, इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा पाठ, स्नान और दान के लिए सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 तक पुण्य काल रहेगा।
मकर राशि में 5 ग्रहों का संयोग
मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे जोकि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं, इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है।
पूजा विधि और दान
इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, यदि पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर में जिस जल से स्नान करें उसमें गंगाजल की कुछ बूंदें मिला लें, स्नान के बाद पूजा आरंभ करें, सूर्य देव समेत सभी नव ग्रहों की पूजा करें, इसके बाद जरूरतमंदों को दान दें, इस पर्व पर खिचड़ी का सेवन करना भी उत्तम माना गया है, इसलिए इस पर्व को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है, खिचड़ी का दान भी किया जाता है।