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लखनऊ सहित पांच जिलों के कोविड कार्मिकों ने डिप्टी सीएम का आवास घेरा

-पूर्व में दिये गये डिप्टी सीएम के आश्वासन के बावजूद सेवा समाप्त होने से थे नाराज

-प्रमुख सचिव ने तत्काल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

-मिशन निदेशक ने एक बार फिर भेजा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र

सेहत टाइम्स

लखनऊ। कोविड काल में आउटसोर्स के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर नियुक्त किए गए लखनऊ सहित पांच जिलों के स्वास्थ्य कार्मिकों ने आज लखनऊ में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री का दायित्व भी सम्भाल रहे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आवास पर धावा बोल दिया। इन कार्मिकों ने यह कदम उनकी सेवायें समाप्त किये जाने के पत्र जारी किये जाने के विरोध में उठाया। इसके बाद आनन-फानन में इसकी सूचना जब शासन तक पहुंची तो प्रमुख सचिव ने तत्काल मिशन निदेशक व सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर स्थिति पर विचार किया। वीसी में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कार्मिकों को समायोजित करने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के निर्देश दिये गये।

इस सम्बन्ध में मिशन निदेशक द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भी भेजा गया है। पत्र में पूर्व पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोविड काल में किये गये इन कार्मिकों के सराहनीय कार्य को देखते हुए इन कोरोना योद्धाओं की सेवा किसी भी आउटसोर्सिंग कम्पनी के माध्यम से जारी रखने के लिए यथासम्भव प्राथमिकता के साथ विचार करने की अपेक्षा की गयी थी लेकिन लखनऊ, भदोही, हापुड़, फतेहपुर, शामली आदि जिलों में इन कार्मिकों की सेवाएं 31.07.2024 के बाद समाप्त किये जाने के पत्र जारी कर दिये गये हैं, मिशन निदेशक ने लिखा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि शासन की मंशा के अनुरूप जिला स्वास्थ्य समिति के अधीन उपलब्ध समस्त विकल्पों पर विचार नहीं किया गया है।। आज भेजे पत्र में एक बार फिर इन कार्मिकों की सेवाओं को आउटसोर्सिंग कम्पनी के माध्यम से जारी रखने के लिए यथासम्भव विचार करने को कहा गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि शाम होते-होते गौतमबुद्ध नगर के राजकीय जिला संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर 54 कार्मिकों की सेवाएं जारी रखने सम्बन्धी निर्देश दिये गये हैं।

इस बारे में कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ रहे संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि मिशन निदेशक के साथ संघ की 30 जुलाई को हुई वार्ता में सहमति बन गई थी लेकिन स्पष्ट निर्देश नहीं जारी किए गए थे इस बारे में आज पुनः पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया गया कि सभी कर्मचारियों को समायोजित कराया जाए।

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