Wednesday , October 11 2023

लाइलाज बने कोरोना वायरस ने ही वायरोलॉजी के पुरोधा प्रो टीएन ढोल को सुलाया मौत की नींद

-बीती 4 सितम्‍बर से चल रहे थे कोविड-19 से संक्रमित, कर्मस्‍थली रहे एसजीपीजीआई में ली अंतिम सांस

प्रो टीएन ढोल

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। अपने चिकित्‍सीय जीवन में अनेक प्रकार के वायरस से निपटने में सक्षम रहे संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायलोजी विभाग के पूर्व विभागाध्‍यक्ष प्रो टीएन ढोल अंतत: कोरोनावायरस से हार गये, उनका मंगलवार की रात निधन हो गया। अपनी कर्मभूमि संजय गांधी पीजीआई के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उन्‍हें बीती 4 सितम्‍बर को कोविड संक्रमण के चलते यहां भर्ती कराया गया था।

प्रो ढोल की गिनती देश के प्रमुख वायरोलॉजिस्‍ट के रूप में होती है। वह चिकित्सा संस्थानों में माइक्रोबायोलॉजी को स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित करने का श्रेय डॉ. ढोल को जाता है। अपने कार्य की वजह से डॉ ढोल का ख्‍याति विदेशों में भी थी।

करीब 19 दिनों के अथक प्रयास के बावजूद एसजीपीजीआई की विशेषज्ञों की टीम अपने प्रसिद्ध डॉक्‍टर को बचा नहीं सकी। प्रो ढोल के फेफड़ों के संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका उन्‍हें आईसीयू के साथ ही वेंटीलेटर पर भी रखा गया। उन्‍हें बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था।

आपको बता दें कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने उत्‍तर प्रदेश में पृथक वायरोलॉजी इंस्‍टीट्यूट बनाने का भी प्रस्‍ताव तैयार किया था, हालांकि बाद में यह प्रस्‍ताव मूर्त रूप नहीं ले सका।

प्रो टीएन ढोल की मौत की खबर आते ही उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि का दौर सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है। उन्‍हें श्रद्धांजलि देने वालों में अनेक बड़े चिकित्‍सक, उनके शिष्‍य रह चुके चिकित्‍सक शामिल हैं।