Wednesday , October 11 2023

कोरोना इफेक्‍ट : लखनऊ के पांच निजी हॉस्पिटल आंशिक रूप से बंद

-फातिमा हॉस्पिटल की चार नर्सों सहित 14 और मरीजों में संक्रमण की पुष्टि

-श्‍वास की बीमारी की गंभीर स्थिति वाले कोरोना मरीज की केजीएमयू में मौत

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ।  राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे की रफ्तार तेज हो चुकी है, बुधवार को भी 14 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन मरीजों में तीन श्रमिक समेत महानगर स्थित फातिमा हास्पिटल की चार नर्सेस हैं, जिसकी वजह से अस्पताल को नये मरीजों की भर्ती पर रोक लगाते हुये, सैनेटाइज कराने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं अन्य मरीजों के अन्य चार अस्पतालों में इलाज कराने की वजह से चार अन्य अस्पतालों की यूनिटों को बंद करते हुये सैनेटाइज कराने के निर्देश दिये जा चुके हैं। इसके अलावा केजीएमयू में जनपद बलरामपुर निवासी मरीज की कोरोना से मृत्यु हो गई है।

मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ.नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि आज के संक्रमित मरीजों में पांच महिलाएं और 9 पुरुष हैं। इन मरीजों में चार नर्सेस हैं, 4 प्रवासी श्रमिक हैं,एक न्यू हैदराबाद निवासी है, एक आरपीएफ का जवान है, इसके अलवा पीजीआई का डेटा ऑपरेटर वर्कर, चिनहट निवासी व राजेन्द्र नगर व बांसमंडी का प्रवासी है। उन्होंने बताया कि चार नर्सेस के संक्रमित होने की वजह से फातिमा अस्पताल को बंद करने के निर्देश के अलावा, सीतापुर रोड स्थित राधा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दिल्ली से लौटै जानकीपुरम निवासी श्रमिक ने और अवध हॉस्पिटल में बाराबंकी निवासी बुजुर्ग ने इलाज कराया था। दोनों में संक्रमण पुष्टि के बाद दोनों ही अस्पतालों की सम्‍बन्धित इकाइयों को सील करते हुये, चिकित्सकीय सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके अलावा सैनेटाइज कराने के निर्देश दिये हैं। वहीं राजेन्द्र नगर निवासी संक्रमित युवक ने आईटी चौराहे के समीप विवेकानन्द हॉस्पिटल में इलाज लिया था और बांसमंडी निवासी युवक ने एपी सेन रोड, चारबाग स्थिति होप मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में इलाज कराने को गया था। अन्तत: इन दोनों अस्पतालों की सम्‍बन्धित इकाइयों को भी सील कर दिया गया है।

केजीएमयू के प्रवक्ता के अनुसार, बोरिहार, थाना उतरौला, बलरामपुर जनपद निवासी 30 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज की बुधवार को मौत हो गई है। उसे 27 मई को सांस की बीमारी के साथ गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। जांच में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जहां पर सुधार के बजाय, मरीज मल्टीऑर्गन फेल्योर में चला गया था, बहुत प्रयास के बावजूद, उसका निधन हो गया। कोरोना गाइड लाइन के अनुसार परिवारीजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया है।