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संजय गांधी पीजीआई में ऑटोमेटिक लैब से हो रही सर्वाइकल कैंसर की सटीक पहचान

-स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर पैथोलॉजी विभाग ने आयोजित की सीएमई

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के पैथोलॉजी विभाग द्वारा आज 1 अगस्त को पल्मोनरी पैथोलॉजी पर सतत चिकित्सा शिक्षा (सतत चिकित्सा शिक्षा) के आयोजन के साथ अपना दूसरा स्थापना दिवस मनाया गया।

विभाग के प्रमुख, प्रो मनोज जैन ने विभागीय प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही उन्होंने सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए तरल आधारित साइटोलॉजी, रोगों के सटीक निदान और पूर्वानुमान के लिए आणविक परीक्षण, शीघ्र व अधिक परीक्षण के लिए पूरी तरह से स्वचालित क्लिनिकल रसायन विज्ञान प्रयोगशाला के माध्यम से नई नैदानिक ​​तकनीक प्रदान करने में विभाग की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया।

निदेशक प्रोफेसर धीमन ने विभाग की नई नैदानिक ​​तकनीकों की सराहना की और सभी संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को पूर्ण समर्पण से काम करने और अन्य मेडिकल कॉलेजों की मदद के लिए डिजिटल स्लाइड स्कैनर और डिजिटल पैथोलॉजी को शामिल करके विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित किया।

विभाग द्वारा हाल ही में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। फेफड़े के कैंसर के प्रचलित होने और 1 अगस्त को विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस के रूप में पहचाने जाने के अवसर पर पल्मोनरी पैथोलॉजी पर आधे दिन की सीएमई का आयोजन किया गया।

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के प्रसिद्ध पल्मोनरी पैथोलाजिस्ट प्रोफेसर अमनजीत बाल ने इस बात पर जोर दिया कि उन्नत नैदानिक ​​​​परीक्षण के साथ फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए कई चिकित्सीय विकल्प सामने आ रहे हैं। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो आलोक नाथ ने छोटे और सटीक फेफड़ों के नमूने प्राप्त करने की नई तकनीकों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन डॉ. राम नवल राव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

इस मौके पर डीन प्रो शालीन कुमार, पैथोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर राकेश पांडे, प्रोफेसर मंजुला मुरारी और वरिष्ठ प्रोफेसर नरेंद्र कृष्णानी, संकाय सदस्य, रेजिडेन्ट डाक्टर, पीएचडी, कर्मचारी, पूर्व छात्र और अन्य मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

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