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सिकल सेल रोग के रोगियों की पहचान के लिए यूपी के सात जिलों में अभियान

-बहराइच, बलिया, देवरिया कुशीनगर सोनभद्र, ललितपुर और लखीमपुर खीरी में इस जेनेटिक बीमारी से ग्रस्‍त लोग हैं मौजूद

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। देश के जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों में अनुवांशिक ब्लड डिसऑर्डर रोग सिकल सेल रोग के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल से मध्य प्रदेश के शहडोल जनपद में पहली जुलाई को कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के समानांतर उत्तर प्रदेश के चिन्हित सात जनपदों-बहराइच, बलिया, देवरिया कुशीनगर सोनभद्र, ललितपुर और लखीमपुर खीरी के जनपदीय मुख्यालय और स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों में जन मानस को सिकल सेल एनीमिया के बारे में जागरूक किया गया।

इसी क्रम में प्रदेश में बहराइच जनपद के विकास खंड-मिहीपुरवा के स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र, कुरवा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं राज्य मंत्री, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की उपस्थिति में बृहद कार्यक्रम के माध्यम से “Sickle Cell Disease Elimination Mission कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया और सिकल सेल रोग के लिए परीक्षण किये गये। व्यक्तियों को सिकल सेल स्टेटस कार्ड (Genetic Card) वितरित किया गया। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 1 जुलाई से प्रारम्भ होने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारम्भ किया। उन्होंने डॉक्टर्स डे के अवसर पर प्रदेश के चिकित्सक समुदाय को उनके सराहनीय सामाजिक कार्य के लिए बधाई भी दी। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और जनजार्य मंत्रालय द्वारा सिकल सेल रोग से ग्रस्त व्यक्तियों की जांच, उपचार एवं प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों /स्तरों पर समन्वय स्थापित करने के लिए इस अभियान के तहत निर्देश जारी किये गए हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा समाज कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर जनजातीय सिकल सेल रोग के स्क्रीनिंग करने एवं जनसामान्य को रोग एवं प्रबंधन के विषय में जागरूक करने के रणनीतिबद्ध तरीके से कार्य किया जाना है।

सिकल सेल रोग एक अनुवांशिक ब्लड डिस्आर्डर रोग (जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर) है, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ग्रसित करती है। यह अनुवांशिक रोग ऐसे व्यक्तियो को भी होता है जिनमें रोग के लक्षण प्रदर्शित नहीं होते और ये रोगवाहक (कॅरियर) का कार्य करते हैं एवं ऐसे व्‍यक्ति की अगली पीढ़ी में रोग की सम्भावना प्रबल होती है। यह रोग जनजातीय समुदाय में अधिक पाया जाता है। सिकल सेल रोग से ग्रसित व्यक्ति में बार-बार रक्त की कमी होती है एवं ऐसे व्यक्तियों में प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है, जिस कारण उक्त व्यक्ति अवसरवादी रोगों (यथा न्यूमोनिया, डायरिया, बिहान आदि) से ग्रस्त हो जाता है और पैरो में दर्द, सूजन आदि की समस्या होती है एवं शारीरिक विकास कम होता है। ऐसे व्यक्तियों को बार-बार रक्ताधान (Blood Transfusion) की आवश्यकता होती है। कई बार यह बीमारी जानलेवा भी साबित होती है।

वर्ष 2047 तक देश में सिकल सेल रोग के उन्मूलन किये जाने का लक्ष्य है। इसके दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा संचालित किये जाने वाले Sickle Cell Disease Elimination Mission कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रस्त व्यक्तियों की जांच, उपचार एवं प्रबन्धन के लिए विभिन्न विभागों/स्तरों पर समन्वय स्थापित करते हुए सिकल सेल रोग के स्क्रीनिंग करने तथा जन-सामान्य को इस रोग एवं बचाव के विषय में जागरूक किया जाना है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 40 वर्ष तक आयु के जनजातीय जनसंख्या का सिकल सेल रोग के लिए जाँच जागरूकता एवं प्रबन्धन किया जाना है, जिसमें देश में 107 करोड़ जनसंख्या के सिकल रोग परीक्षण का लक्ष्य है।

अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के लिए आगामी 3 वर्षों के लिए कुल 2,59,289 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रदेश के 7 जनजातीय बाहुल्य जनपदों (बलिया, देवरिया कुशीनगर ललितपुर लखीपुर खीरी, बहराइच एवं सोनभद्र) को चिन्हित करते हुए चिन्हित जनपदों में इस कार्यक्रम का संचालन किया जाना निर्धारित किया गया है। अभियान के वर्ष 2023-24 के लिए 87.217 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश के चिन्हित जनपदों के 1,819 हेल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर के द्वारा सिकल सेल रोग का जाँच, प्रबन्धन, परामर्श एवं जागरूकता का कार्यक्रम सम्पादित किया जायेगा।

इस रोग हेतु परीक्षण किये गये व्यक्तियों को परीक्षणोपरान्त परीक्षण के परिणाम के अनुरूप वैवाहिक एवं अन्य परामर्श के लिए सिकल सेल स्टेटस कार्ड भी प्रदत्त कराये जायेंगे एवं इस विषय में समस्त समुदाय विशेषकर जनजातीय समुदाय को जागरूक किया जायेगा। शीघ्र ही, प्रदेश के जनजातीय जनसंख्या वाले अन्य जनपदों मे भी इस कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग और उपचार व परामर्श का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

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