-सूचना मिलने पर आधी रात के बाद पुलिस पहुंची थी शातिर अपराधी को गिरफ्तार करने
-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया पुलिस वालों की शहादत पर शोक

कानपुर/लखनऊ। कानपुर में शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, फायरिंग में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। चार पुलिसकर्मी घायल भी हैं। घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी। शहीद होने वालों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव भी शामिल हैं। घटना 2 और 3 जुलाई की रात की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 8 पुलिस कर्मियों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितश चंद्र का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था, पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी। उन्होंने बताया है कि पुलिस जब अपराधी को पकड़ने पहुंची तो वहां जेसीबी को लगा दिया गया जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। डीजीपी के अनुसार फोर्स के उतरने पर अपराधियों ने गोलियां चलाईं, हालांकि पुलिस ने जवाबी फायरिंग की लेकिन अपराधियों के ऊंचाई पर होने के कारण पुलिस के 8 लोगों की मौत हो गयी और 7 लोग घायल हो गये। बताया जाता है कि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गये।
एसओ कौशलेंद्र के एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी। इसके अलावा सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं। सेंगर और शिवमूरत के पेट में गोली लगी। दोनों की हालत गंभीर है। सूचना के बाद कई थानों की फोर्स गांव पहुंची और घायलों को लेकर रीजेंसी अस्पताल लाया गया।
पुलिस के अनुसार विकास दुबे खूंखार अपराधी है जिस पर 2003 में शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था। बाद में वह इस केस से बरी हो गया था। इसके अलावा विकास पर प्रदेश भर में दो दर्जन से ज्यादा गंभीर केस दर्ज हैं।
पुलिस कार्मिको की शहादत को शत् शत् नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने तथा तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
आईजी, एडीजी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर थी, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजा गया है, एसटीएफ को तैनात किया गया है।
बताया जा रहा है कि जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी। जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया।

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