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सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए बनें दक्ष चिकित्सक : डॉ सूर्यकांत

-केजीएमयू में दो दिवसीय 18वीं पल्मोनरी पीजी अपडेट का उद्घाटन

-18वीं पल्मोनरी पीजी अपडेट ने सारे रिकार्ड तोड़े : डॉ. अमिता जैन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के तत्वावधान में नार्थ जोन के नौ राज्यों के करीब 200 पीजी स्टूडेंट्स की दो दिवसीय 18वीं पल्मोनरी पीजी अपडेट का उद्घाटन शनिवार को केजीएमयू की डीन एकेडमिक डॉ. अमिता जैन ने कलाम सेंटर में किया।

इस मौके पर डॉ. अमिता जैन ने कहा कि लखनऊ में पहली बार आयोजित हो रही इस पीजी अपडेट ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं, क्योंकि इससे पहले इसमें 120 से 130 पीजी स्टूडेंट शामिल होते थे जबकि इस बार इसमें 250 युवा चिकित्सक शामिल हुए हैं। इस सफल आयोजन के लिए उन्होंने रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मेगा एकेडमिक इवेंट को उपयोगी बनाने के लिए इसमें देश के कोने-कोने से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फेफड़ा रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जो युवा चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के लिए फैकल्टी के रूप में आये हैं। उनके अनुभव और ज्ञान से यह पीजी स्टूडेंट जरूर लाभान्वित होंगे। प्रशिक्षकों में एम्स दिल्ली, एम्स ऋषिकेष, एम्स जोधपुर, पीजीआई चंडीगढ़, पीजीआई रोहतक, एसजीपीजीआई लखनऊ और सीएमसी वेल्लोर (तमिलनाडु) के फैकल्टी मेम्बर शिरकत कर रहे हैं।

इस मौके पर नार्थ जोन टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि विशेषज्ञता हासिल करने के साथ ही युवा चिकित्सक अपनी राष्ट्रीय और सामाजिक जिम्मेदारी को भी भलीभांति समझें। रोगियों के प्रति संवेदनशील बनें। समाज को चिकित्सा शिक्षा और बीमारियों के प्रति जागरूक बनाने की अपनी नैतिक जिम्मेदारी पर भी ध्यान दें, क्योंकि उनका पेशा अन्य से अलग है। इस दो दिवसीय मेगा इवेंट के जरिये युवा चिकित्सकों को फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के प्रति ख्याति प्राप्त चिकित्सक हर छोटी-बड़ी जानकारी प्रदान करने के साथ ही उन्हें रोगियों और समाज के प्रति संवेदनशील भी बनायेंगे।

डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि यह कांफ्रेंस देश के भावी चिकित्सकों की जानकारी बढ़ाने के साथ ही लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में भी बहुत ही सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने में भी यह चिकित्सक अहम् भूमिका निभाने के लिए तैयार किये जा रहे हैं।

पल्मोनरी अपडेट के पहले दिन एम्स जोधपुर के डॉ. निशांत चौहान ने फेफड़ों की बीमारियों की प्रमुख जांच एंडो ब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड के बारे में विस्तार से बताया । गुरुग्राम से पधारे डॉ. मनोज गोयल ने कठिन परिस्थितियों में ब्रोंकोस्कोपी के बारे में चर्चा की। मेडिकल कालेज कानपुर के डॉ. आनन्द कुमार ने पल्मोनरी एमोलिजम के बारे में जानकारी प्रदान की। कांफ्रेंस के विशिष्ट अतिथि एम्स दिल्ली के पूर्व सर्जन और वर्तमान में मेदांता अस्पताल गुरुग्राम के लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अरविन्द कुमार ने युवा चिकित्सकों को लंग ट्रांसप्लांट से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। दिल्ली से आये डॉ. अम्बरीश जोशी ने खर्राटे और सांस सम्बन्धी रोगों के उपचार के बारे में विस्तार से बताया। दिल्ली के डॉ. जे. के. सैनी ने आक्सीजन थेरेपी के बारे में युवा चिकित्सकों का ज्ञानवर्धन किया । एसजी पीजीआई लखनऊ के डॉ. तन्मय घटक ने आईसीयू के रोगियों के बेहतर उपचार के बारे में जरूरी टिप्स दिए। मेडिकल कालेज आगरा से आये डॉ. गजेन्द्र विक्रम सिंह ने दिमाग, हड्डी, पेट, आंत आदि अंगों की टीबी के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कानपुर मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एस.के. कटियार और पीजीआई रोहतक के पूर्व डीन डॉ. के.वी. गुप्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट-केजीएमयू के डॉ. आर.एस. कुशवाहा, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. दर्शन बजाज, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव और डॉ. अंकित कटियार आदि उपस्थित रहे। केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. आर.एस. कुशवाहा ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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