-स्वास्थ्य के साथ ही ऑक्सीजन की बर्बादी भी रुकेगी

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोरोना की वर्तमान में चल रही दूसरी लहर के कहर से लोग कराह रहे हैं हालात यह है कि मरीजों के लिए बेड के साथ-साथ सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत चल रही है। ऑक्सीजन अस्पताल हो या घर दोनों जगह अत्यंत अहम भूमिका निभा रही है, ऐसे में ऑक्सीजन के सही इस्तेमाल के बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एनेस्थीसिया विभाग के डॉ तन्मय तिवारी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
डॉ तिवारी ने कहा कि ऑक्सीजन का फ्लो इतना धीमा रखना चाहिये कि शरीर में ऑक्सीजन का लेवल 90 से 94 प्रतिशत पर रहे, इतनी ऑक्सीजन पर्याप्त है ऑक्सीजन को 98% या 100% तक ले जाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जब भी मरीज बेड पर न हो तब तुरंत ही ऑक्सीजन का नॉब क्लॉकवाइज दिशा में कर के बंद कर देना चाहिये।
उन्होंने बताया कि जहां तक संभव हो एच एफ एन सी High flow nasal cannula का इस्तेमाल ना करें। उन्होंने कहा इसी प्रकार ध्यान रखें कि एन आर एम non-rebreather mask में ऑक्सीजन का फ्लो 15 लीटर प्रति मिनट की गति से ज्यादा नहीं रखना चाहिए। इसी प्रकार अगर ऑक्सीजन कहीं से रिस रही है तो इसकी सूचना सिलिंडर वाले को तुरंत दें। इसके अतिरिक्त हमेशा सही नाप के फेस मास्क का इस्तेमाल करें जिससे ऑक्सीजन की लीकेज न हो।
उन्होंने बताया की ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन देने से पहले प्रोनिंग यानी मरीज को पेट के बल लेटा कर, छाती और पीठ पर हल्के हाथों से थपथपा कर, इंसेंटिव स्पायरोमीटर का प्रयोग, योग आदि करने के लिए प्रेरित करना चाहिये। इन सभी कोशिशों से भी अगर लेवल 90 से 94 प्रतिशत के बीच में न आये तो ऑक्सीजन सिलिंडर लगाना चाहिये।
डॉक्टर तिवारी ने बताया कि इस चीज का अवश्य ध्यान रखें जब ऑक्सीजन दी जा रही हो या सिलेंडर भरा हुआ हो तो उसे हमेशा खड़ी पोजीशन में ही रखें, उसे लिटा कर न रखें, हां खाली सिलेंडर को लेटा कर रखा जा सकता है। उन्होंने बताया इन छोटी-छोटी बातों से जहां मरीज के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं, वहीं विशेष रूप से आजकल की स्थितियों में ऑक्सीजन की बर्बादी होने से भी रोका जा सकता है।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times