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दुर्घटना में गंभीर घायल व्‍यक्ति को अकेले नहीं, चार लोग मिलकर उठायें

-बहता खून कैसे रोकें, थमती सांस को कैसे वापस लायें, जैसी बातों की दी गयी जानकारी

-विश्‍व ट्रॉमा दिवस पर केजीएमयू में जागरूकता कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को एक आम आदमी द्वारा डॉक्टर के पास ले जाने के लिए किस प्रकार सावधानी बरतते हुए उठाया जाए, यदि उसके रक्त बह रहा है तो उसे कैसे रोका जाए जैसी कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां, जिनसे मरीज की जान बची रहे, के बारे में आज विश्व ट्रॉमा दिवस पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दी गई।

फोटो न खींचे, मदद करें

जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत आज सुबह सड़क सुरक्षा विषय पर पैरामेडिकल छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्‍तुत करने से हुई। इस नुक्कड़ नाटक के जरिए यह बताया गया कि सड़क पर असावधानी से किस प्रकार दुर्घटना हो सकती है। इसमें यह भी बताया गया कि दुर्घटना होने पर मोबाइल से फोटो खींचने की बजाय, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करनी चाहिए।

खुद को फांसी लगाने जैसा है गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना

इसके पश्चात केजीएमयू के प्रशासनिक भवन के सामने से एक रैली का आयोजन किया गया इसमें 100 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया, इन लोगों ने अपने गले में लाल रंग की रस्सी का फंदा डाल रखा था इसमें यह संदेश दिया गया था की गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने का मतलब है खुद को फांसी लगाना। इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं के मध्य सड़क दुर्घटना विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

इस मौके पर कलाम सेंटर में ट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रो संदीप तिवारी द्वारा एक व्याख्यान दिया गया जिसमें उन्होंने दुर्घटना होने के मुख्य कारण  एवं उनकी रोकथाम पर विस्तार से चर्चा की। व्याख्यान के पश्चात एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, इसमें दुर्घटना हो जाने की स्थिति में एक सामान्य व्यक्ति द्वारा दुर्घटनाग्रस्‍त व्यक्ति की एंबुलेंस आने तक किस प्रकार मदद की जा सकती है, इसके बारे में जानकारी दी गई इस कार्यशाला में प्रो समीर मिश्रा द्वारा बताया गया कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को कि चार व्यक्तियों द्वारा सावधानी से उठाकर स्थानांतरित किया जाना चाहिये, जिससे कि उसे रीढ़ की हड्डी की चोट से होने वाली मृत्यु से बचाया जा सके।

कैसे रोकें रक्‍तस्राव

प्रो अनीता सिंह द्वारा रक्तस्राव को रोकने के तरीके को दिखाया गया उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को 5 मिनट तक कस के दबा कर रखना चाहिए और यदि तब भी रक्तस्राव ना रुके तो रक्तस्राव की जगह से थोड़ा ऊपर कसकर एक कपड़ा बांध देना चाहिए। प्रो यादवेंद्र धर ने बताया कि यदि मरीज की सांस न चल रही हो तो उसे सीपीआर द्वारा सांस देने की कोशिश करनी चाहिए।

इस व्याख्यान एवं कार्यशाला में ढाई सौ से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। इसमें डॉ वैभव जायसवाल एवं डॉ नरेंद्र कुमार के साथ ट्रॉमा सर्जरी विभाग के रेजिडेंट्स के साथ ही दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर ट्रॉमा सर्जरी विभाग में भर्ती होकर ठीक हो चुके मरीज भी अपने परिजनों के साथ उपस्थित रहे।

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