Wednesday , October 11 2023

मातृ मृत्‍यु दर बढ़ी होने का एक बड़ा कारण है प्रसव दौरान व प्रसव उपरान्‍त भारी रक्‍तस्राव

-सुरक्षित मातृत्‍व सुनिश्चित करने के लिए जीवन रक्षक कौशल कार्यशाला का आयोजन

-यूपीकॉन-2023 के मौके पर पैरामेडिकल स्‍टाफ के लिए आयोजित की गयी कार्यशाला

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज  मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने कहा है कि मातृ मृत्‍यु का एक बड़ा कारण पोस्‍टपार्टम हेमरेज पीपीएच यानी प्रसव के दौरान और प्रसव के बाद भारी मात्रा में होने वाला रक्‍तस्राव है। इसे रोकने के लिए हमें अपने प्रयासों को और तेज करने की आवश्‍यकता है।  

कुलपति ने ये बात सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए मातृ एवं नवजात जीवन रक्षक कौशल पर आज 16 मार्च को केजीएमयू के कलाम सेंटर में आयोजित कार्यशाला में मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए कही। कार्यशाला का आयोजन प्रसूति एवं स्त्री रोग UPCON 2023 का 34वां वार्षिक यूपी सम्मेलन के मौके पर किया गया था। बताया कि मातृ मृत्यु दर हमारे देश को कैसे प्रभावित कर रही है। कुलपति ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए मातृ और भ्रूण परिणाम में सुधार करने के लिए क्या-क्‍या किया जा सकता है। उन्होंने उन खतरनाक कारणों का भी उल्लेख किया जो दैनिक जीवन में मातृ मृत्यु और रुग्णता का कारण बनते हैं।

इस मौके पर सुरक्षित मातृत्‍व समिति की अध्‍यक्ष डॉ प्रीति कुमार ने बताया कि कैसे हम अच्छे टीम कौशल के साथ बंडल दृष्टिकोण bundle approach का उपयोग करके पोस्‍टपार्टम हेमरेज पीपीएच का प्रबंधन कर सकते हैं और रोगी को खतरनाक स्थितियों से बचा सकते हैं। कार्यशाला का आयो‍जन सुरक्षित मातृत्व समिति FOGSI  द्वारा मातृ एवं प्रसवकालीन समिति SAFOG और Jpiego के सहयोग से किया गया।  

डॉ पियाली भट्टाचार्य ने नवजात मृत्यु दर के पैमाने को कम करने के लिए नवजात पुनर्जीवन के लिए उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदम के बारे में जानकारी दी।  डॉ. चंद्रावती ने टीम के रूप में काम करने के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में डॉ एसपी जैसवार, डॉ उमा सिंह, डॉ मंजू शुक्ला, डॉ अनीता सिंह, डॉ संगीता आर्य, डॉ मीता, डॉ दिनेश, डॉ सोमेश कुमार, डॉ अनुपम सहित उत्‍तर प्रदेश के अनेक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों, 600 नर्सों और पैरामेडिक ने भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.