-संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ, यूपी की मांग, सभी कर्मियों को EPF एवं ग्रेच्युटी का लाभ सुनिश्चित किया जाए

सेहत टाइम्स
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विजय बहादुर पाठक द्वारा नियम–110 के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों से जुड़े भविष्य निधि (EPF) एवं ग्रेच्युटी जैसे अत्यंत संवेदनशील एवं जनहित के विषय को प्रभावी ढंग से उठाने के लिए आभार जताया है। इसके साथ ही मांग की है कि एनएचएम के समस्त कर्मचारियों को, वेतन सीमा की बाध्यता समाप्त कर, EPF एवं ग्रेच्युटी का लाभ सुनिश्चित किया जाए, तथा सेवा निवृत्त एवं दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को शीघ्र भुगतान कर मानवीय एवं संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन किया जाए।
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री योगेश कुमार उपाध्याय द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस जनहितकारी पहल के लिए विधायक विजय बहादुर पाठक एवं विधायक दिनेश कुमार गोयल का हृदय से आभार व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से विजय बहादुर पाठक द्वारा इस मुद्दे को सशक्त रूप से उठाए जाने से लाखों एनएचएम कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को यह आशा जगी है कि उन्हें भी EPF, ग्रेच्युटी एवं पारिवारिक सामाजिक सुरक्षा का अधिकार प्राप्त होगा।
योगेश उपाध्याय ने कहा है कि यह विषय केवल सेवा शर्तों का नहीं, बल्कि हजारों कर्मचारियों और उनके परिवारों के सुरक्षित भविष्य से सीधा जुड़ा हुआ है। संगठन को पूर्ण विश्वास है कि सदन में इस विषय पर सार्थक चर्चा के माध्यम से शीघ्र ही न्यायसंगत समाधान निकलेगा।
उन्होंने कहा कि सदस्य द्वारा सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए यह तथ्य रेखांकित किया गया कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने में एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की भूमिका आधार स्तंभ की भांति है। आयुष्मान भारत योजना का सफल क्रियान्वयन, प्राथमिक एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तथा कोविड-19 जैसी महामारी के कठिन काल में भी दिन-रात सेवा—इन सभी उपलब्धियों के पीछे एनएचएम कार्मिकों का अथक परिश्रम और त्याग निहित है।
योगेश ने कहा है कि इसके बावजूद यह अत्यंत पीड़ादायक एवं चिंताजनक तथ्य है कि वर्षों तक सेवा देने के बाद जब कोई कर्मचारी सेवा से हटता है अथवा सेवा-निवृत्त होता है, तो उसके हाथ में जीवन-यापन के लिए एक भी रुपया सुनिश्चित नहीं होता। वर्तमान में एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत लगभग डेढ़ लाख कर्मचारियों में से बड़ी संख्या आज भी EPF एवं ग्रेच्युटी जैसे वैधानिक सामाजिक सुरक्षा लाभों से वंचित है। विशेष रूप से, सेवा काल में दिवंगत हो चुके कर्मचारियों के परिवार आज भी EPF एवं ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं, जिससे उन्हें गंभीर आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है, वहीं ग्रेच्युटी अधिनियम का लागू न होना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से चली आ रही यह लापरवाही अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं गंभीर चिंता का विषय है। वर्तमान व्यवस्था में केवल ₹15,000 तक वेतन पाने वाले कार्मिकों को ही EPF का लाभ मिलना, शेष कर्मचारियों के साथ स्पष्ट असमानता एवं अन्याय को दर्शाता है।

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