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कैंसर रोगियों के दीर्घकालिक दर्द को आरएफए से गायब करना सिखाया चिकित्सकों को

-कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट में निश्चेतना विभाग ने आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला

सेहत टाइम्स

लखनऊ। कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में निश्चेतना विभाग द्वारा आयोजित रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आर एफ ए) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य कैंसर रोगियों में दीर्घकालिक दर्द के उपचार को समझाना तथा चिकित्सकों को इस नवीनतम विधि में प्रशिक्षित करना रहा। इस तकनीक से कैंसर रोगियों के शरीर के विभिन्न अंगों में हो रहे दीर्घकालिक दर्द से निजात मिल सकेगा।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक, प्रो. एम.एल.बी.भट्ट, विशिष्ट अतिथि के रूप में मैक्स अस्पताल साकेत, नई दिल्ली से डा. साईप्रिया तिवारी के साथ ही विभागाध्यक्ष प्रो.आसिम रशीद मौजूद रहे।

संस्थान के निदेशक ने बताया कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से चिकित्सकों को अत्याधुनिक तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है, जिससे प्रदेश और देश के कैंसर रोगियों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

ज्ञात हो रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जिसमें रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगों द्वारा उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग करके दर्द के संकेतों को मस्तिष्क तक ले जाने वाली तंत्रिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से पीठ दर्द, गर्दन दर्द और कुछ प्रकार के ट्यूमर के लिए एक न्यूनतम आक्रामक उपचार किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में एक सुई के माध्यम से रेडियो तरंगें भेजी जाती हैं, जिससे तंत्रिकाएँ अलग हो जाती हैं और दर्द संकेतों का प्रवाह रुक जाता है।

अस्पताल द्वारा बताया गया है कि जहाँ निजी अस्पतालों में इस इलाज के लिए मरीज़ को सवा से डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं वहीं इस संस्थान में यह 6600 रुपये में होता है लेकिन आज की कार्यशाला में कुल 5 मरीज़ों का इस तकनीक के ज़रिये नि:शुल्क इलाज किया गया।

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