-कल्याण सिंह सुपरस्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

सेहत टाइम्स
लखनऊ। सर्वाइकल कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। व्यक्तिगत साफ-सफाई और लक्षण नजर आने पर जांच कराकर महिलाएं बीमारी से बच सकती हैं। यदि बीमारी हो गई है तो समय पर इलाज से बीमारी पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। यह जानकारी चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में गायनी ऑन्कोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सबुही कुरैशी ने दी। वह शनिवार 16 नवम्बर को संस्थान में ओपीडी दूसरे तल पर सर्वाइकल कैंसर पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
डॉ. सबुही कुरैशी ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए महिलाएं व्यक्तिगत साफ-सफाई पर ध्यान दें। नौ से 14 साल की बेटियों को ह्यूमन पैपलोमा वायरस से बचाव की वैक्सीन लगवाएं। इस उम्र में वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती हैं। 14 साल से अधिक उम्र की बेटियों को वैक्सीन की तीन डोज की जरूरत पड़ती है। वैक्सीन काफी हद तक बेटियों को भविष्य में सर्वाइकल कैंसर के खतरों से बचा सकती हैं। उन्होंने बताया कि अभी एचपीवी वैक्सीन सामान्य टीकाकरण अभियान में नहीं जोड़ा गया है। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नजर आने पर पैप स्मीयर या सर्वाइकल साइटोलॉजी जांच करा सकती हैं। इसमें सर्वाइकल कोशिकाओं को इकट्ठा करता है ताकि उनमें एचपीवी के कारण होने वाले परिवर्तनों की जांच की जा सके। इससे प्री-कैंसर कोशिकाओं और सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं का पता लगाया जा सकता है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि संस्थान में ज्यादातर अंगों के कैंसर का सम्पूर्ण इलाज हो रहा है। ऑपरेशन, रेडिएशन और दवाओं से कैंसर मरीजों को राहत दी जा रही है। सरकारी योजनाओं के तहत मरीजों को मुफ्त इलाज का लाभ प्रदान किया जा रहा है। एचआरएफ से मरीजों को सस्ती दवाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने कहाकि सर्वाइकल कैंसर पीड़ित महिलाओं को और बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। डॉ. इला तिवारी ने सर्वाइकल कैंसर के तथ्यों और आंकड़ों के बारे में बात की। कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। अंत में नारा लेखन प्रतियोगिता हुई।

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