-होम्योपैथी में होलिस्टिक एप्रोच के साथ किया गया दवा का चुनाव देता है स्थायी लाभ
– विश्व एलर्जी सप्ताह (22 अप्रैल से 28 अप्रैल) के मौके पर डॉ गिरीश गुप्ता से विशेष बातचीत

सेहत टाइम्स
लखनऊ। एलर्जी धूल से हो या धुएं से, त्वचा पर (अर्टिकेरिया) हो या रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वसन प्रणाली में, होम्योपैथी में इसका जड़ से उपचार उपलब्ध है। आपने अक्सर सुना होगा कि लोग कहते हैं कि मुझे धूल से एलर्जी है, मुझे धुएं से एलर्जी है या फलां चीज खा लेता हूं तो मुझे सूट नहीं करती, मुझे उससे एलर्जी है। विश्व एलर्जी सप्ताह (22 अप्रैल से 28 अप्रैल) के मौके पर इस समस्या को लेकर ‘सेहत टाइम्स’ ने गौरांग क्लिनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के संस्थापक व चीफ कंसल्टेंट डॉ गिरीश गुप्ता से इसके होम्योपैथिक उपचार पर बात की।
डॉ गिरीश गुप्ता ने बताया कि एलर्जी का असर शरीर पर दो तरह से पड़ता है या तो त्वचा पर अथवा श्वसन प्रणाली पर। उन्होंने बताया कि सभी एलर्जी के लिए होम्योपैथिक में अच्छा इलाज उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में कुछ दवाएं एंटी एलर्जिक हैं, जो तुरंत आराम देती है और कुछ दवाएं एलर्जी को जड़ से समाप्त कर देती हैं, जिससे बार बार यह समस्या नहीं होती है।
उन्होंने बताया कि एलर्जी के स्थायी समाधान के लिए हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ होम्योपैथिक इलाज किया जाता है। हॉलिस्टिक अप्रोच के तहत इलाज में रोगी के शारीरिक और मानसिक लक्षणों की जानकारी लेकर उस रोगी केलिए कौन सी दवा उचित रहेगी, उसके अनुसार दवा का चुनाव किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन दवाओं से बॉडी के इम्यून सिस्टम को ठीक करके एलर्जी के कारण को समाप्त कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि होम्योपैथिक दवाओं से बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के एलर्जी से संबंधित प्रॉब्लम्स पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

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