-केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023 का प्रथम दिन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। ब्रेस्ट कैंसर होने की स्थिति में ब्रेस्ट के संरक्षण की कोशिश करनी चाहिये क्योंकि ऐसा देखा गया है कि जिन मरीजों का स्तन निकाले बगैर उपचार किया गया, उनकी सफलता की दर उन मरीजों से कम नहीं है जिनका पूरा स्तन निकाल कर उपचार किया गया। इसका मतलब यह है कि अधिक से अधिक मरीज स्तन संरक्षण का विकल्प चुन सकते हैं। इसलिए, स्तन सर्जनों को स्तन संरक्षण सर्जरी की तकनीकों में अच्छी तरह से पारंगत होना चाहिए।
यह बात यहां केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023 के चौथे संस्करण में मुंबई के अपोलो कैंसर सेंटर की डॉ नीता नायर ने अपनी प्रस्तुति में कही। अपनी प्रस्तुति में डॉ. नीता नायर ने दिखाया कि स्तन संरक्षण सुरक्षित है और सफलता दर पूरे स्तन को हटाने के बाद की तुलना में कम नहीं है।
आपको बता दें कि स्तन संरक्षण पर ध्यान देना प्रो आनंद मिश्रा के दीर्घकालिक लक्ष्यों से मेल खाता है, जिन्होंने विभिन्न तरीकों से सामान्य आबादी के बीच जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की है ताकि मरीज प्रारंभिक चरण में उपचार करा सके। ऐसे में इस तरह की कार्यशालाएं सर्जनों को प्रशिक्षित करने में सहायक होगी।
केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट 2023 का चौथा संस्करण केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तन सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट ने भाग लिया। इस वर्ष के कार्यक्रम की थीम लेट्स डू ऑन्कोप्लास्टी थी। ऑन्कोप्लास्टी प्लास्टिक सर्जरी तकनीकों और कैंसर सर्जरी सिद्धांतों का संयोजन है जो रोगियों में कैसर की पुनरावृत्ति के जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है। टाटा मेमोरियल अस्पताल, कोलकाता की डॉ. रोसिना अहमद ने स्तन की बुनियादी शारीरिक रचना के बारे में बताते हुए शुरुआत की, इसे हर स्तन सर्जन को जानना चाहिए।
ज्ञात हो वर्तमान में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में केजीएमयू, एसजीपीजीआई दो ही संस्थान में इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा ब्रेस्ट कैसर के मरीजों को उपचार प्रदान किया जा रहा है।

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