-केजीएमयू के दंत संकाय में चल रही है तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस
सेहत टाइम्स
लखनऊ। हमारे शरीर में जबड़े की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है, इसके बारे में तो सभी जानते हैं क्योंकि इन्हीं जबड़ों में ही डेंचर लगा होता है जिससे हम जिन चीजों को खाते हैं, उनको चबाने का कार्य लिया जाता है, लेकिन कैंसर या पोस्ट कोविड बीमारी म्यूकरमाइकोसिस या किसी अन्य कारण से अगर जबड़ा नष्ट हो जाता है तो डेंचर लगाने के लिए कृत्रिम जबड़ा कैसे बनाया जा सकता है, इस बारे में आज 10 फरवरी को यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डेंटल सकाय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला के दूसरे दिन लाइव करके दिखाया गया, और सिखाया गया।
9 से 11 फरवरी तक चल रहे इस कार्यक्रम आयोजन ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग द्वारा किया गया है। विभागाध्यक्ष डॉ शादाब मोहम्मद ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के करीब 100 लोग हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन केजीएमयू के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन आज 10 फरवरी को डॉ विवेक गौर ने ग्लेबलर इम्प्लांट सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैंसर या पोस्ट कोविड फंगस से जबड़ा नष्ट हो गया हो तब भी ऐसे मरीजों को चेहरे की बची हुई हड्डियों की मदद से ग्लेबलर इम्प्लांट लगाकर उसका डेंचर तैयार किया जा सकता है जिससे मरीज खा-पी सके। इस सर्जरी को कार्यशाला में लाइव दिखाया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम दिन मुम्बई से आये डॉ वाई गांधी ने साइनस लिफ्ट प्रोसीजर पर व्याख्यान दिया तथा इस प्रोसीजर से मरीज की सर्जरी की, जिसका लाइव प्रसारण किया गया। इस सम्बन्ध में आयोजित कार्यशाला में एक बकरे के ऊपर इस सर्जरी करके स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दिया गया। साइनस लिफ्ट प्रोसीजर के बारे में उन्होंने बताया कि जब जबड़े का ऊपरी हिस्सा सड़ कर नष्ट हो जाता है तो साइनस के नजदीक से एक इम्प्लांट लगाकर जबड़े के ऊपरी हिस्से को तैयार कर उसमें डेंचर लगा दिया जाता है।
डॉ शादाब ने कहा कि इन सुविधाओं को लाभ कोई भी मरीज विभाग में सम्पर्क करके उठा सकता है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के संयोजक डॉ यूएस पाल एवं सह संयोजक डॉ लक्ष्य यादव हैं। उन्होंने बताया कि समारोह में मैक्सिलोफेशियल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा डॉ आरके सिंह को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया। कार्यक्रम में डीन डेंटल फैकल्टी डॉ एपी टिक्कू व अन्य फैकल्टी, डॉक्टर आदि भी मौजूद रहे।