-आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष-सचिव ने किया स्वागत, साथ में साइकिलिंग करके दी विदाई
-डायबिटीज, हाईपरटेंशन और डिप्रेशन से बचने के लिए सूर्योदय से पूर्व साइकिलिंग की सलाह

सेहत टाइम्स
लखनऊ। पिछले 3 वर्षों से साइकिल यात्रा के जरिए एड्स एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाने वाले मेरठ निवासी आई एम ए के पूर्व सचिव डॉ अनिल नौसरान इस बार मेरठ से बिहार की यात्रा पर निकले हैं। 22 दिसंबर की सुबह मेरठ से साइकिल यात्रा पर निकले डॉ नौसरान 22 दिसंबर की शाम करीब साढ़े छह बजे यहां रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन पहुंचे, जहां उनका आईएमए अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन, सचिव डॉ संजय सक्सेना सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
रात्रि में आईएमए में विश्राम करने के बाद 23 दिसम्बर की सुबह उन्हें आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया। डॉ नौसरान आईएमए भवन से पुन: बिहार जाने के लिए वाराणसी के लिए रवाना हुए। इस मौके पर आई एम ए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन, सचिव डॉ संजय सक्सेना, डॉ अजय तिवारी और डॉ नईम अहमद शेख भी डॉ नौसरान के साथ आईएमए भवन से संजय गांधी पीजीआई के निकट पीके पैथोलॉजी तक 20 किलोमीटर का सफर साइकिल चलाकर तय करते हुए डॉ नौसरान को लखनऊ से विदा करने आये।

पूर्व अध्यक्ष ने किया स्वागत
पीके पैथोलॉजी पर आई एम ए लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता और आईएमए महिला विंग की डॉ रुखसाना खान ने सभी का स्वागत किया। डॉ नौसरान ने डॉ मनीष टंडन, डॉ संजय सक्सेना, डॉ पीके गुप्ता, डॉ नईम शेख सहित सभी पदाधिकारियों का आभार जताया। इसके बाद डॉ नौसरान का काफिला आगे वाराणसी की ओर बढ़ गया।
डॉ मनीष टंडन ने बताया कि डॉ नौसरान 24 दिसंबर की सुबह कैमूर से गया, जमुई, मुजफ्फरपुर होते हुए 27 दिसंबर की दोपहर में पटना पहुंचेंगे जहां पर नेशनल आई एम ए के पदाधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से डॉ नौसरान इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि शादी से पहले मेडिकल कुंडली बनवाएं, लड़के-लड़की का एचआईवी टेस्ट कराएं, असाध्य रोग से मुक्ति पाएं। उनका कहना है कि जिस प्रकार शादी से पहले कुंडली का मिलान होता है उसी प्रकार शादी से पहले लड़के-लड़की के कुछ ब्लड टेस्ट किए जाएं ताकि आने वाली नई पीढ़ी स्वस्थ पैदा हो और हमारा राष्ट्र स्वस्थ हो।
डॉ नौसरान का यह भी कहना है कि जीवन एक बार मिलता है बार-बार नहीं मिलता है, साइकिल चलाएं, वजन घटाएं, इम्यूनिटी बढ़ाएं, कोरोनावायरस भगायें। उनका कहना है कि इस समय कोई ऐसा परिवार नहीं है जिसमें कि परिवार का कोई सदस्य शुगर की बीमारी, हाइपरटेंशन या डिप्रेशन से पीड़ित न हो। इन तीनों बीमारियों का इलाज साइकिल है। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर साइकिल चलाएं और रात को जल्दी सोएं। इसी भाव के साथ डॉ नौसरान मेरठ से मसूरी, बरेली, जयपुर, इलाहाबाद, चंडीगढ़, शिमला, कोलकाता, ब्रज भूमि, भरतपुर अयोध्या, नैनीताल, मुंबई, करनाल, सोनीपत, लैंसडाउन, श्रीनगर आदि की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि संभवतः मार्च-अप्रैल के महीने में डॉ नौसरान कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकलेंगे।

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