-घर में खुद कर सकती हैं जांच, हॉस्पिटल में मेमोग्राफी से पता लगाना आसान
-केजीएमयू में एंडोक्राइन सर्जरी व रेडियोलॉजी विभाग ने संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यक्रम किया आयोजित

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर है। इससे पहचानने के लिए मेमोग्राफी की जाती है, जो कि बहुत ही आसान है और इसके लिए भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। अगर इसका पता जल्दी लग जाता है तो सिर्फ सर्जरी से ही काम चल जाता है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि इसके प्रति जागरूक रहना चाहिये और स्तन में किसी भी प्रकार का बदलाव, गांठ या रिसाव हो तो अपने चिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करना चाहिये।
यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग और रेडियोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में अपने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि यह सामान्यत: 50 से 75 वर्ष की आयु वाली महिलाओं में होता है, लेकिन अगर किसी के परिवार में स्तन कैंसर होने का इतिहास है तो 50 वर्ष की उम्र से पहले भी हो सकता है।

कुलपति ने कहा कि अब तो यह भी सुविधा मौजूद है कि व्यक्ति जेनेटिक टेस्टिंग करा ले तो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे के बारे में जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्तनपान ना कराने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक रहता है, इसके साथ ही मोटापा भी ब्रेस्ट कैंसर होने का एक कारण है।
एंडोक्राइन सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो आनन्द मिश्रा ने कहा कि स्तन कैंसर की बीमारी सिर्फ महिलाओं की ही नहीं है, यह पुरुषों को भी होती है, उन्होंने कहा कि एक और ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर किसी के परिवार में पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर होने का इतिहास है, तो उस परिवार के लोगों को ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा और ज्यादा होता है। इसलिए जागरूक रहना कैंसर से बचने का सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने कहा कि शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना बहुत आसान है, स्वपरीक्षण विधि से महिलाएं खुद ही पता लगा सकती हैं। उन्होंने कहा कि स्वपरीक्षण में शीशे के सामने खड़े होकर महिला अपने स्तनों को ध्यानपूर्वक जांच सकती है, इससे स्तन में होने वाले बदलाव को देखना और महसूस करना आसान होता है।
प्रतिकुलपति प्रो विनीत शर्मा ने कहा कि स्तन कैंसर से बचने के लिए जंक फूड के सेवन से बचना चाहिये तथा नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक है।
रेडियोथेरेपी के डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि स्तन कैंसर की हर श्रेणी का उपचार उपलब्ध है। इस कैंसर में रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, सर्जरी, हार्मोनल थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी दी जाती हैं। कैंसर कार्ड धारकों को यह सब सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाती है।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ दीप्ति और डॉ शिउली द्वारा किया गया तथा इसमें डॉ शालिनी गुप्ता, डॉ पूजा, डॉ कुशाग्र, डॉ गीतिका, डॉ चंचल, डॉ कुलरंजन, डॉ मृणालिनी, डॉ नीलम, डॉ ईशा, रचना और छात्र- छात्राओं ने भाग लिया।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times