-फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने आयोजित की मीडिया मीट

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बच्चे की चाहत न रखने वाले लोगों के लिए सर्वोत्तम उपाय यही है कि वह किसी न किसी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल अवश्य करें, अगर किसी कारणवश अगर गर्भपात की नौबत आती है तो हमेशा सुरक्षित गर्भपात ही कराना चाहिये, और इसके लिए प्रशिक्षित डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिये। भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु वाली 15.6 मिलियन महिलाएं प्रतिवर्ष गर्भपात कराती हैं। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 5 से 7 प्रतिशत गर्भपात अप्रशिक्षित लोगों द्वारा किये जाते हैं, जोकि असुरक्षित होने के कारण जान जोखिम में डालने वाले होते हैं।

यह बात फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, लखनऊ के द्वारा एक “यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार तथा सुरक्षित गर्भ समापन” के महत्वपूर्ण विषय पर आज शुक्रवार को यहां मीडिया मीट में उपस्थित विशेषज्ञों ने कही। इसका आयोजन होटल इंडिया अवध में किया गया था जिसमें डॉ अलका जैन, डॉ ऋचा, अम्रुता घाणेकर, कमाल रिज़वी प्रमुख वक्ता थे।
विशेषज्ञों ने बताया कि अप्रशिक्षित लोगों द्वारा असुरक्षित तरीकों से गर्भपात करने के कारण महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा इससे मातृ मृत्यु दर में भी वृद्धि होती है। अपनी बात रखते हुए डॉ ऋचा, जो कि मुंबई से वर्चुअल माध्यम से जुड़ी थीं, ने बताया कि गर्भपात परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं है। अतः यह बहुत ज़रूरी है की सभी को परिवार नियोजन की उचित जानकारी, साधन और सेवायें समय से उपलब्ध हो। इसके लिए फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया समुदाय स्तर पर महिलाओँ, किशोर- किशोरियों और युवाओं के लिए सरकार के साथ मिलकर यौन एवं प्रजनन स्वस्थ्य सम्बंधित जानकारी, परामर्श, सेवायें एवं जागरूकता के कार्यक्रम कर रही है।

कमाल रिजवी ने एमटीपी एक्ट के बारे में बताया कि गर्भपात चार स्थितियों में गर्भपात की अनुमति दी जाती है, पहला अगर रेप होने के कारण पीडि़ता गर्भवती हुई हो, दूसरा गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई दिक्कत है, मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं, गर्भधारण करने वाली नाबालिग है, इनके अलावा किसी अन्य बात के लिए गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है।

डॉ अलका जैन ने बताया कि बेहतर यही है कि सभी जागरूक रहें और संतान की चाहत न रखने की स्थिति में कोई न कोई गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल करें, और अगर किसी वजह से गर्भपात की नौबत आती भी है तो सुरक्षित गर्भपात करायें, ताकि जान का खतरा न हो।
इस मौके पर संस्था के यूथ चैम्प्स सुप्रिया और राहुल तिवारी जो लोगों की इस सम्बन्ध में काउंसिलिंग करते हैं, ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि गर्भनिरोधक साधनों के प्रति जागरूकता लाने के लिए दूसरे लोगों से बात करने में किस तरह की बाधाएं आती हैं, क्यों कि लोग बात करने में झिझकते हैं।

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