स्थानांतरित फार्मासिस्टों की सूची में मृतक, सेवानिवृत्त भी शामिल
नीति विरुद्ध तैयार तबादला सूची को लेकर सीएम से जतायी थी आशंका
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। आखिर जिसकी आशंका थी, वही हुआ। महानिदेशालय द्वारा फार्मासिस्टों के स्थानांतरण की सूची जो जारी हुई है, उसमें न सिर्फ मुख्यमंत्री की मंशा, स्थानांतरण की नीति की धज्जियां उड़ायी गयी हैं, बल्कि तैयार की गयी सूची की प्रक्रिया यह भी दर्शाती है कि कम्प्यूटर और इंटरनेट के इस दौर में भी मृतकों का नाम, सेवानिवृत्त हो चुके लोगों का नाम तक शामिल करना सूची तैयार करने के जिम्मेदारों की घोर लापरवाही परिलक्षित करता है।
राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने स्थानांतरणों में हुई अनियमितताओं के बारे में बताते हुए कहा था, कि हम लोगों ने 27 जून को मुख्यमंत्री से मिलकर लापरवाही और अनियमितताओं के साथ तैयार की गयी स्थानांतरण सूची को लेकर आशंका जतायी थी, हमारी आशंका सही साबित हुई।
उन्होंने कहा कि महानिदेशक के आश्वासन के बावजूद इस तरह की अनियमितता से भरी सूची का जारी होना कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। उन्होंने कहा कि जारी सूची में अनेक पदाधिकारी, 2 वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले, दिव्यांग, गंभीर बीमार, दाम्पत्य नीति से आच्छादित जिन्हें स्थानांतरण से मुक्त रखने के निर्देश हैं, उन्हें भी स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि यही नहीं महेन्द्र सिंह नाम के एक ऐसे फार्मासिस्ट का तबादला कर दिया गया है, जिसकी मृत्यु हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि फार्मासिस्टों के अनियमितता भरे स्थानांतरणों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला ने भी महानिदेशक को पत्र लिखकर तबादलों में हुई अनियमितताओं की जानकारी दी है। पत्र में बताया गया है कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के 11 पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, इनमें 10 चीफ फार्मासिस्ट तथा एक फार्मासिस्ट पद पर तैनात हैं। इन पदाधिकारियों में महोबा, मेरठ, हापुड़, रामपुर, बदायूं, बुलंदशहर, अमरोहा, गोण्डा, चित्रकूट, पीलीभीत तथा फतेहपुर के अध्यक्ष-मंत्री शामिल हैं।
सुनील यादव ने बताया कि इसके अतिरिक्त एक अन्य पत्र के माध्यम से 25 चीफ फार्मासिस्ट तथा 57 फार्मासिस्ट के बारे में महानिदेशक को बताया गया है, इनके स्थानांतरण में भी अनियमितता बरती गयी है। इनमें एक फार्मासिस्ट महेन्द्र सिंह का भी नाम है, जबकि इनकी मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा आठ ऐसे भी हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसी प्रकार बाकी फार्मासिस्ट के स्थानांतरण में भी अलग-अलग तरह की अनियमितताएं हैं।