लखनऊ। केजीएमयू में क्षमता कम होने से पेशेंट केयर मैनेजमेंट सिस्टम का सर्वर डाऊन होना आयेदिन की बात हो गयी है, हालांकि अब संकेत ऐसे मिल रहे हैं कि इस समस्या को यूपी टेक्निकल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ दूर करेंगे। इसके लिए इंस्टीट्यूट के तकनीक विशेषज्ञों से संपर्क करना शुरू कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत के कार्यकाल में शुरू हुआ सीएमएसएस सिस्टम बीते लगभग 10 माह से चल रहा है, और सर्वर की दिक्कत आये दिन बनी रहती है। इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने में करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे लेकिन नतीजा यह है कि सॉफ्टवेयर की खामियों का खामियाजा मरीजों को ही भुगतना पड़ता है, कभी पंजीकरण देर से होता है और कभी जांच नहीं होती हैं, यही नहीं तमाम विभागों से सिस्टम संबद्ध नहीं है लिहाजा दवा एवं अन्य सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
सैकड़ों कम्प्यूटर का लोड नही ले रहा पेशेंट केयर मैनेजमेंट सिस्टम
चूंकि पूर्व कुलपति प्रो.रविकांत के कार्यकाल में, उन्हीं के निर्देशन में सॉफ्टवेयर निर्मित हुआ था, इसलिए उन्हें इस में कोई खामी नजर नहीं आई और आधुनिक तकनीक की कमी बताकर, सबकुछ बढिय़ा होने का ढिंढ़ोरा पीटते रहे। परंतु अब जब नये कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट आये तो आयेदिन होने वाली इस समस्या की वजह जानने की कोशिश की गयी। सूत्रों की माने तो पेशेंट केयर मैनेजमेंट सिस्टम का सॉफ्टवेयर लोड ही नही ले रहा है। कम क्षमता होने की वजह से एक साथ इतने अधिक कंप्यूटर नही चल पा रहे हैं, यही वजह है कि हमेशा सर्वर धीमा चलता है। इसी वजह से कई विभागों को इससे संबद्ध नहीं किया जा रहा है। अब इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए केजीएमयू प्रशासन ने यूपी टेक्निकल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों से सहयोग लेने का मन बना लिया है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि आईटी इंचार्ज ने सर्वर का लोड बढ़वाने के लिए टेक्निकल इंजीनियरों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। संस्थान में दर्जनों विभाग व मरीजों की संख्या को देखते हुये सर्वर की इंटरनल क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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