देश भर से 35 शल्य चिकित्सक भाग ले रहे हैं दो दिनों की कार्यशाला में

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यादय का अस्थि शल्य चिकित्सा विभाग 20 एवं 21 अप्रैल को घुटना प्रत्यारोपण पर कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में देश भर के 35 अस्थि शल्य चिकित्सक घुटना प्रत्यारोपण सीखेंगे, पहली बार केजीएमयू द्वारा यह प्रशिक्षण कैडेवर (शव) पर सिखाया जायेगा। इसमें पीजीआई रोहतक के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता तथा केजीएमयू के विशेषज्ञ घुटना प्रत्यारोपण करना सिखायेंगे।
यह जानकारी देते हुए आयोजन अध्यक्ष डॉ विनीत शर्मा तथा आयोजन सचिव डॉ संतोष कुमार ने बताया कि घुटना की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओपीडी में रोज आने वाले मरीजों में आधे मरीज ऑस्टियो ऑर्थराइटिस के चलते घुटने की समस्या लेकर आते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें लिक्विड सूख जाता है तथा घुटने की कार्टिलेज घिस जाती हैं जिससे उनमें घाव हो जाता है जो कि दर्द करता है।
डॉ संतोष ने बताया कि फिलहाल इसके इलाज के लिए घुटना प्रत्यारोपण ही एक इलाज है हालांकि कार्टिलेज बदलने पर शोध चल रहा है लेकिन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। डॉ शर्मा ने बताया कि केजीएमयू में प्रतिमाह 25 से 30 घुटनों का प्रत्यारोपण किया जाता है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में प्रत्यारोपण पर होने वाला खर्च निजी अस्पताल के मुकाबले करीब एक चौथाई में हो जाता है। पत्रकार वार्ता में आयोजन के संयुक्त सचिव डॉ नरेन्द्र सिंह कुशवाहा, डॉ धर्मेन्द्र कुमार भी मौजूद थे।
 
 

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