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दिल के रोगियों में एक चौथाई संख्‍या 40 साल से नीचे वालों की, अटैक के संकेतों को जरूर जान लें

हृदय रोगों को शुरुआत में ही रोकने के लिए जरूरी हैं जीवनशैली में बदलाव

लखनऊ। जीवनशैली में भारी बदलाव के कारण पिछले कुछ वर्षों से भारतीय लोग कम उम्र में ही दिल के दौरे से ग्रस्त हो रहे हैं। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल के सभी दौरों का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों का होता है। बहुत से लोग इस स्थिति के संकेतों से अनजान हैं, जिससे समय पर जांच में बाधा पड़ती है और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती है। इस बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है कि दिल के दौरे के दौरान समय एक मांसपेशी की तरह होता है और जल्दी मदद मांगने से ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

सहारा हॉस्पिटल, लखनऊ के सीनियर कंसल्टेंट एवं चीफ इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. नकुल सिन्हा ने कहा, ‘दिल के दौरे के दौरान, समय मांसपेशी होता है और मांसपेशियों से जीवन होता है। समय पर जांच और उपचार, जीवित रहने की संभावनाओं को और बढ़ा सकता है और जटिलताओं को कम करता है। जो लोग दिल के दौरे से पीड़ित हैं, वे छाती के मध्य में तेज दर्द का अनुभव कर सकते हैं। यह शरीर के बाईं ओर, विशेष रूप से बाएं हाथ, पीठ की ओर, और कंधे के ब्लेड के बीच फैलता है। यह ठोड़ी में भी फैल सकता है और जबड़े में असुविधा हो सकती है। इस सब से बहुत सारा पसीना आता है। इस कंडीशन को डायापोरेसिस के रूप में जाना जाता है। हर मिनट जैसे जैसे कार्डियक टिश्यू बिना ऑक्सीजन के काम करता है, दिल की विफलता के कारण दिल से पंप होने वाले रक्त की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए, प्रथम एक से तीन घंटे के भीतर ही जीवन रक्षक दवाएं देनी चाहिए।’

बेहोश होते ही दें सीपीआर

 

व्यक्ति के बेहोश होने पर उस कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देना शुरू करना चाहिए। छाती को दबाने की दर 100-120 प्रति मिनट है। प्रत्येक संपीड़न के बाद, छाती को पूरी तरह से ठीक होने दें। उच्च गुणवत्ता वाले सीसीआर से परिणामों में काफी सुधार हो सकता है। डॉ. सिन्हा ने आगे कहा, ‘जातीयता और आनुवंशिक संरचना की वजह से, भारतीय लोग हृदय रोगों से ग्रस्त होते रहते हैं। इस प्रकार, एक स्वस्थ जीवन शैली युवाओं और बूढ़े लोगों में समान रूप से महत्वपूर्ण है। हृदय रोग और अन्य जटिलताओं को रोकने में हृदय के लिए उपयोगी आहार कारगर होता है। नियमित शारीरिक गतिविधि, तनाव प्रबंधन, और धूम्रपान और मदिरापान जैसी आदतें छोड़ना कुछ अन्य उपाय हैं, जिन्हें कोई भी अमल में ला सकता है। सुनिश्चित करें कि आप खुद को खतरे से दूर रखने के लिए नियमित जांच कराते रहते हैं और आपका रक्तचाप एवं वजन आदि संतुलित है।’

 

हृदय रोग के लिए विभिन्न उपचार विकल्पों में से, थ्रोम्बोलिसिस या क्लॉट बस्टर हमारे देश में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है। कैथ लैब की सुविधा वाले केंद्र का पता लगाने और प्राथमिक एंजियोप्लास्टी कराना एक अच्छा विचार है। यह एक गैर सर्जरी वाला प्रोसीजर है, जो ब्लॉक्ड या संकरी कोरोनरी धमनियों को खोलता है। एंजियोप्लास्टी दिल में रक्त प्रवाह में सुधार करती है और छाती के दर्द से राहत देती है। साथ ही, दिल के घातक दौरे के लिए यह बेहतर, पूर्ण, अनुमानित और सुरक्षित उपचार प्रदान करता है।

 

एंजियोप्लास्टी में, ड्रग एलिटिंग स्टेंट (डीईएस) का उपयोग ब्लॉक्ड या संकीर्ण धमनी को खोलने के लिए किया जाता है। यह रक्त प्रवाह को बहाल करता है। डीईएस धातु जाल से बने होते हैं जो दवा से युक्त होते हैं, जो रोगग्रस्त हिस्से को दवा की निरंतर डोज प्रदान करता है। आधुनिक डीईएस उपयोग के लिए सुरक्षित हैं और अच्छे परिणाम दिखाते हैं। यह उपचार बहुत ही लागत प्रभावी होता है। सीएबीजी सर्जरी का एक प्रकार है, जहां सर्जन शरीर के अन्य क्षेत्रों से धमनियों या नसों को हटा देता है और उन्हें संकुचित या अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को बाईपास करने के लिए उपयोग करता है। ये सभी इस स्थिति के प्रभावी प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।

 

वीडियो में विस्तार से जानिये कि यदि किसी को दिल का दौरा पड़े तो तुरंत क्या करें

 

कुछ अन्य लाइफस्टायल टिप्स 

 

-धूम्रपान छोड़ने से रक्तचाप कम होता है, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई में वृद्धि होती है। इस अस्वास्थ्यकर आदत को खत्म करने में कभी देर नहीं करनी चाहिए। 

 

-संतृप्त वसा यानी सेचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और सोडियम को कम ही लें। फल और सब्जियों, फाइबर से भरपूर साबुत अनाज, मछली, नट्स, फलियां और बीज आदि का अधिक सेवन करें। कम फैट वाले मिल्क और डेयरी उत्पादों का प्रयोग करें। चीनी-मीठे पेय पदार्थ और रैड मीट का प्रयोग सीमित करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड में समृद्ध आहार दिल के लिए अच्छा होता है।

 

-हर दिन लगभग 30 से 40 मिनट कसरत करने से दिल स्वस्थ रहता है। व्यायाम न केवल ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है।

 

-मधुमेह और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रण में रखें। यदि आप हर बार कुछ उतार-चढ़ाव देखते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना एक अच्छा विचार हो सकता है।

 

-योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकों की मदद से तनाव कम करें। याद रखें कि तनाव से आपकी परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए इसे प्रभावी रूप से कम करें और पर्याप्त नींद लें।